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नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड पहले स्थान पर

  • 19 Jul 2023
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

17 जुलाई, 2023 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने देश के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिये ‘निर्यात तैयारी इंडेक्स (ईपीआई) 2022’ नामक रिपोर्ट का तीसरा संस्करण जारी किया, जिसमें हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। 

प्रमुख बिंदु  

  • ईपीआई 2022 रिपोर्ट में क्षेत्र विशिष्ट अंतर्दृष्टि के साथ निर्णय लेने में सहायता करने, मज़बूती की पहचान, कमियों को दूर करने और भारत के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बड़े पैमाने पर वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकारों को अधिकार दिये जाने की वकालत की गई है। 
  • रिपोर्ट वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत के निर्यात कारोबार का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें क्षेत्र-विशेष के साथ ही ज़िला स्तर पर वस्तु निर्यात के रुझान भी शामिल हैं।  
  • ईपीआई 2022 रिपोर्ट राज्यों के प्रदर्शन का चार स्तंभों में मूल्यांकन करती है- नीति, व्यावसायिक परिवेश, निर्यात इकोसिस्टम और निर्यात प्रदर्शन।  
  • इंडेक्स में 56 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है जिनसे राज्यों और यूटी की निर्यात मामले में राज्य व ज़िला दोनों स्तर पर निर्यात तैयारियों की समग्र तस्वीर सामने आ जाती है। 
  • इंडेक्स में चार स्तंभों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है - 
    • नीति स्तंभ में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राज्य और ज़िला स्तर पर निर्यात से जुड़े नीतिगत इकोसिस्टम और इसके इर्द-गिर्द खड़ी संस्थागत संरचना पर आधारित मूल्यांकन किया जाता है। 
    • व्यावसायिक परिवेश में कारोबार को समर्थन देने वाली ढाँचागत सुविधाओं, राज्य/यूटी परिवहन संपर्क के साथ ही राज्य/यूटी में मौजूदा व्यावसायिक परिवेश का आकलन किया जाता है। 
    • निर्यात इकोसिस्टम में निर्यातकों को दिया जाने वाला व्यापार समर्थन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य में व्याप्त अनुसंधान और विकास कार्यों के साथ राज्य में निर्यात से जुड़ी ढाँचागत सुविधाओं पर गौर किया जाता है। 
    • निर्यात प्रदर्शन एक आउटपुट आधारित संकेतक है, जिसमें पिछले साल के मुकाबले राज्य की निर्यात वृद्धि को मापा जाता है और उसके निर्यात केंद्रित कार्यों और वैश्विक बाज़ार में उपस्थिति को आंका जाता है। 
  • ये स्तंभ आगे दस उप-स्तंभों पर आधारित हैं- इनमें निर्यात संवर्द्धन नीति, संस्थागत रूपरेखा ढाँचा, व्यावसायिक परिवेश, ढाँचागत सुविधाएँ, परिवहन संपर्क, निर्यात सुविधाएं, व्यापार समर्थन, अनुसंधान एवं विकास अवसंरचना, निर्यात में विविधता और वृद्धि को बढ़ावा देने जैसे कदम शामिल हैं। 
  • ईपीआई रिपोर्ट 2022 में देखा गया है कि ज्यादातर ‘तटीय राज्यों’ने अच्छा प्रदर्शन किया है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात पूरे देश में सभी श्रेणी के राज्यों में निर्यात तैयारियों के मामले में सबसे आगे रहे हैं। 
  • उत्तराखंड ने निर्यात तैयारी सूचकांक में लंबी छलांग लगाई है। इस सूचकांक रैंकिंग में राज्य ने सुधार कर देश में नौवां स्थान हासिल किया है, जबकि निर्यात तैयारी सूचकांक 2021 की रैंकिंग में उत्तराखंड देश भर में 19वें स्थान पर था।  
  • वहीं हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड के बाद दूसरे स्थान पर हिमाचल और तीसरे स्थान पर मणिपुर है।  
  • विदित है कि राज्य ने नई निर्यात और लॉजिस्टिक नीति लागू भी की है। इसके अलावा, निर्यात बढ़ाने के लिये प्रत्येक ज़िले में दो उत्पादों का चयन किया है। 
  • ज़िला स्तर पर भी निर्यात के लिये बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं को मज़बूत किया जा रहा है, जिससे उत्तराखंड ने सूचकांक रैंकिंग में देश भर में नौवाँ स्थान हासिल किया, जबकि तमिलनाडु पहले और मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कई सुधार किए हैं। राज्य में विश्व स्तरीय एकीकृत औद्योगिक एस्टेट विकसित किया गया है। पंतनगर और काशीपुर में एकीकृत कंटेनर डिपो और पंतनगर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क हैं। 
  • राज्य के देहरादून और पंतनगर हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। हवाई यात्रा को बढ़ावा देने के लिये टर्बो फ्यूल में 18 प्रतिशत की कमी की गई है।  
  • राज्य में अरोमा पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर, फार्मा सिटी-दो, प्लास्टिक पार्क विकसित किये जा रहे हैं।  
  • प्रदेश से फार्मा, ऑटोमोबाइल, डेयरी उत्पाद, वनस्पति उत्पाद, शहद, खाद्य पदार्थ, खनिज उत्पाद, रसायनिक उत्पाद, प्लास्टिक, रबड़, लकड़ी से बने उत्पाद, कपड़ा, परिवहन संबंधित उत्पाद, रक्षा संबंधी औजार का प्रमुख रूप से निर्यात किया जाता है। 
  • राज्य में अल्मोड़ा में अचार, प्राकृतिक रेशे, ताम्र शिल्प, बागेश्वर में ऑर्गेनिक ऊन, चंपावत में लौह बर्तन, डेयरी उत्पाद, उत्तरकाशी में सेब, चमोली में मछली व जड़ी-बूटी, देहरादून में मक्का उत्पाद, फार्मा, हरिद्वार में गन्ना उत्पाद, ऑटोमोबाइल, फार्मा, नैनीताल में ऐपण शिल्प, पौड़ी में काष्ठ शिल्प, मल्टी ग्रेन, पिथौरागढ़ में कार्पेट, रुद्रप्रयाग में शहद, जड़ी बूटी, टिहरी में मसाला, ऊधमसिंह नगर में बेकरी उत्पादन, चावल, मैंथा का निर्यात बढ़ाया जाएगा।
  • प्रदेश में वर्ष वार निर्यात की स्थिति: 

वर्ष

निर्यात (करोड़ रुपए में)

2014-15

8509

2015-16

7350

2016-17

6011

2017-18

10837

2018-19

16285

2019-20

16971

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