उत्तराखंड
उत्तराखंड मेगा औद्योगिक एवं निवेश नीति 2025
- 30 May 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेगा औद्योगिक और निवेश नीति 2025 को मंजूरी दे दी है।
मुख्य बिंदु
- नीति के बारे में:
- इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूंजी निवेश के लिये उत्तराखंड को एक प्रतिस्पर्द्धी गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिये पेश किया गया है।
- इसका उद्देश्य राज्य की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना तथा बड़े पैमाने पर विनिर्माण उद्यमों को बढ़ावा देकर अतिरिक्त रोज़गार के अवसर सृजित करना है।
- पॉलिसी अवधि और पात्रता:
- यह नीति पाँच वर्षों तक लागू रहेगी।
- लाभ के लिये आवेदन करने वाले उद्यमों को सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से एक सामान्य आवेदन प्रपत्र (CAF) प्रस्तुत करना होगा।
- वित्तीय प्रोत्साहन उद्यम की निवेश श्रेणी के आधार पर दिया जाएगा।
- निवेश पूरा करने का समय CAF आवेदन की तारीख से 3 से 7 वर्षों के भीतर निर्धारित है।
- उद्यमों का वर्गीकरण:
- बड़े उद्यमों को स्थायी पूंजी निवेश (भूमि को छोड़कर) और न्यूनतम रोज़गार मानदंड के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
वर्ग |
निवेश सीमा (रुपए) |
न्यूनतम रोज़गार आवश्यक |
लार्ज |
50 करोड़ से 200 करोड़ |
50 |
अल्ट्रा लार्ज |
200 करोड़ से 500 करोड़ |
150 |
मेगा |
500 करोड़ से 1000 करोड़ |
300 |
अल्ट्रा मेगा |
1000 करोड़ से अधिक |
500 |
वित्तीय प्रोत्साहन:
- स्टांप ड्यूटी प्रतिपूर्ति: भूमि खरीद/लीज डीड पर चुकाई गई स्टांप ड्यूटी का 50% तक प्रतिपूर्ति, अधिकतम ₹50 लाख तक।
- पूंजी सब्सिडी: निवेश श्रेणी के अनुसार, वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के बाद वार्षिक किश्तों में देय।
- लार्ज: निवेश का 10% 8 वर्षों के बाद
- अल्ट्रा लार्ज: निवेश का 12% 10 वर्षों के बाद
- मेगा: निवेश का 15% 12 वर्षों के बाद
- अल्ट्रा मेगा: निवेश का 20% 15 वर्षों के बाद
- पहाड़ी क्षेत्रों के लिये अतिरिक्त सब्सिडी:
- श्रेणी A ज़िलों: पूंजी सब्सिडी में अतिरिक्त 2%
- श्रेणी B ज़िलों: पूंजी सब्सिडी में अतिरिक्त 1%