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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश बाजरा उत्पादन में दूसरे स्थान पर

  • 03 Sep 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

2 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश बाजरा के उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। राज्य में लगभग 50 लाख मीट्रिक टन बाजरा का उत्पादन होता है, जो देश में कुल बाजरा उत्पादन का 19.69 प्रतिशत है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के प्रस्ताव पर कार्रवाई करते हुए 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है। 
  • उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में बाजरा और अन्य पोषक-अनाज को लोकप्रिय बनाने के लिये कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 की कार्य योजना अन्य के साथ-साथ उत्पादन, खपत, निर्यात और ब्रांडिंग को बढ़ाने की रणनीतियों पर केंद्रित है।
  • प्रस्तावित कार्य योजना में सरकार बाजरा के खेती क्षेत्र, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देगी। बाजरे की खेती का रकबा, जो 2022 में 9.80 लाख हेक्टेयर था, उसे बढ़ाकर 10.19 लाख हेक्टेयर कर दिया जाएगा। उत्पादकता वर्तमान 24.55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 25.53 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की जाएगी।
  • इसी तरह सरकार का लक्ष्य ज्वार की खेती का रकबा मौजूदा 2.15 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 2.24 लाख हेक्टेयर करना है। इसी प्रकार कोदो एवं संवा के क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
  • बाजरे के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सरकार क्लस्टर प्रदर्शन, साझा बीज वितरण के माध्यम से क्षेत्र विस्तार और मुफ्त बीज मिनीकिट वितरण आयोजित करने की योजना बना रही है।
  • बाजरा पानी की कमी और सूखे की स्थिति के लिये सबसे उपयुक्त है। ये अन्य फसलों की तुलना में कम-से-कम 70 प्रतिशत कम पानी की खपत करता है और इसे न्यूनतम इनपुट और लगभग कोई कीटनाशक की आवश्यकता नहीं होती है। किसानों के लिये, बाजरा जलवायु परिवर्तन हेतु कम जोखिम वाली फसल है। इसलिये, सरकार की योजना वर्षा सिंचित क्षेत्रों में पौष्टिक अनाज की खेती को बढ़ावा देने की है।
  • इसके अलावा, सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मोटे अनाज को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। सरकार फसल पद्धति आधारित प्रशिक्षण में मोटे अनाज की पूरी जानकारी भी देगी। प्रोटीन, ज़िंक, आयरन और विटामिन सहित विशेष पोषक तत्त्वों से भरपूर किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये रोड शो, होर्डिंग, वॉल पेंटिंग आदि के माध्यम से जानकारी का प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर पर भी राष्ट्रीय मोटे अनाज दिवस का आयोजन किया जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय और वैश्विक बाज़ार के लिये न केवल बाजरा, बल्कि संसाधित, बाजरा उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित और बढ़ावा देगी। बिस्किट फैक्ट्री, ब्रेड फैक्ट्री सहित अन्य खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।  
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