उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में ‘लर्निंग बाय डूइंग' मॉडल
- 29 Oct 2025
- 15 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 3,288 सरकारी स्कूलों तथा ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIET) में 'लर्निंग बाय डूइंग (LBD)' मॉडल के माध्यम से अनुभवात्मक एवं कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये एक व्यापक कार्य योजना विकसित की है।
मुख्य बिंदु
- मॉडल के बारे में:
- इसका उद्देश्य शिक्षा को अधिक अनुभवात्मक, कौशल-संचालित और भविष्योन्मुखी बनाना है तथा रटने की पद्धति के स्थान पर “करके सीखने” की पद्धति अपनाना है।
- यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो महत्त्वपूर्ण सोच, रचनात्मकता और नवाचार-संचालित शिक्षा पर ज़ोर देता है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम विवरण:
- बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षण क्षमता निर्माण के लिये प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा।
- यह प्रशिक्षण 66 आवासीय बैचों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें कक्षा शिक्षण को प्रयोगों, परियोजनाओं, मॉडलों और वास्तविक जीवन अनुप्रयोगों के साथ एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षण क्षमता निर्माण के लिये प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा।
- उद्देश्य:
- कक्षाओं को ऐसे स्थानों में परिवर्तित करना जो याद करने के बजाए समझ, अन्वेषण और खोज को प्रोत्साहित करें।
- शिक्षकों को व्यावहारिक शिक्षण विधियों से सुसज्जित करना जो छात्रों में रचनात्मकता, समस्या-समाधान और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा दें।
- शिक्षार्थियों को कौशल-आधारित, नवाचार-संचालित और एआई-संचालित अर्थव्यवस्था के लिये तैयार करना।
- महत्त्व:
- लर्निंग बाय डूइंग' मॉडल बच्चों को स्वयं प्रयोग करने, प्रश्न पूछने और समाधान खोजने के अवसर देकर सक्रिय अधिगम (Active Learning) को प्रोत्साहित करता है।
- यह बच्चों में जिज्ञासा, विश्लेषणात्मक क्षमता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अभिव्यक्ति कौशल और समस्या-समाधान की क्षमता विकसित करता है, जिससे विद्यार्थी निष्क्रिय श्रोता से सक्रिय शिक्षार्थी बन जाते हैं।
- इस पहल से उत्तर प्रदेश में मूलभूत शिक्षा की पहचान पुनः परिभाषित होने तथा अन्य राज्यों के लिये एक मानक स्थापित होने की संभावना है।