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उत्तराखंड

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता नियम

  • 22 Jan 2025
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के नियमों को मंज़ूरी दे दी है और जनवरी 2025 के अंत तक कानून के लिये राजपत्र अधिसूचना जारी करने की योजना है, जिससे इसके कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्य बिंदु

  • UCC के प्रमुख प्रावधान:
    • फरवरी 2024 में उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित समान नागरिक संहिता (UCC) आदिवासी समुदायों को इसके दायरे से बाहर रखती है।
    • यह हलाला, इद्दत और तलाक जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाता है, जो मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत प्रथाएँ हैं।
      • यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को संपत्ति और उत्तराधिकार के मामलों में समान अधिकार प्राप्त हों।
    • संहिता में विवाह और तलाक के पंजीकरण को अनिवार्य बनाया गया है, जिसका अनुपालन न करने पर सरकारी लाभों से वंचित होना पड़ेगा।
    • अपंजीकृत लिव-इन संबंधों के लिये कड़े प्रावधान मौजूद हैं, हालाँकि ऐसे संबंधों से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जाता है।
  •  कार्यान्वयन उपाय:
    • सरकार ने विवाह, तलाक, उत्तराधिकार अधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और लिव-इन रिलेशनशिप की समाप्ति के पंजीकरण के लिये एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया है।
    • नागरिक अपने डेटा और आवेदन की स्थिति को मोबाइल फोन या घर से देख सकते हैं।
    • सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) को ऑनलाइन पंजीकरण के लिये अधिकृत किया गया है।
      • इंटरनेट सुविधा से वंचित दूरदराज़ के क्षेत्रों में CSC एजेंट घर-घर जाकर पंजीकरण सेवाएँ प्रदान करेंगे।
    • सरलता और सुविधा के लिये ईमेल और एसएमएस के माध्यम से आधार-आधारित पंजीकरण और ट्रैकिंग की शुरुआत की गई है।
    • ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण तंत्र भी स्थापित किया गया है।

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