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झारखंड

जनजातीय गौरव दिवस

  • 12 Nov 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

10 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने को मंज़ूरी दी है। 15 नवंबर झारखंड राज्य का स्थापना दिवस भी है। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिमंडल की यह घोषणा आदिवासी समुदायों के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को स्वीकृति प्रदान करती है। यह जनजातीय गौरव दिवस हर साल मनाया जाएगा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं वीरता, आतिथ्य तथा राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देगा।
  • यह दिन वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ देश के प्रति उनके बलिदानों के बारे में जान सकें। 
  • जनजातीय गौरव दिवस समारोह के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर आदिवासी समाज, संस्कृति, विरासत, स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज के योगदान के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करने के लिये 15 नवंबर से 22 नवंबर तक एक सप्ताह का उत्सव शुरू करेगी।
  • उल्लेखनीय है कि 15 नवंबर, 1875 को जन्मे बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक प्रणाली के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘उलगुलान’(क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश दमन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। 
  • गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 2016 के स्वतंत्रता दिवस पर राँची सहित पूरे भारत में 10 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों की स्थापना को मंज़ूरी दी थी। राँची की पुरानी जेल, जहाँ बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली थी, को संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्मित किया जा रहा है।
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