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राजस्थान

व्यापार संगठनों ने राजस्थान सरकार से निवेश नीतियों में बदलाव करने का आग्रह किया

  • 22 Mar 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राजस्थान में व्यापार निकायों ने राज्य को निवेशक-अनुकूल बनाने के लिये राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS) और मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY) जैसी नीतियों को बदलने का अनुरोध किया।

मुख्य बिंदु:

  • RIPS नीति में निवेशकों को राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST), विद्युत शुल्क, भूमि कर, स्टांप शुल्क आदि पर सब्सिडी मिलती है।
  • MLUPY योजना राज्य में उद्यमों की स्थापना को सुविधाजनक बनाने और रोज़गार सृजन के लिये रियायती बैंक ऋण प्रदान करती है।
  • एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के प्रमुख सचिव, उद्योग और वाणिज्य से मुलाकात की।
    • इसमें बताया गया है कि RIPS के तहत ब्याज लाभ सावधि ऋण पर उपलब्ध थे, लेकिन कार्यशील पूंजी ऋण पर नहीं।
    • प्रतिनिधिमंडल ने योजनाओं के बारे में उद्योग-व्यापी जागरूकता कार्यक्रम चलाने का अनुरोध किया।
    • इसने यह भी अनुरोध किया कि भंडारण क्षेत्र को उद्योगों के पूर्वावलोकन के तहत कवर किया जाए।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS)

  • राज्य में तीव्र, सतत् एवं संतुलित औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिये 17 दिसंबर, 2019 से 'राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019' लागू की गई।
  • इसमें विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के उद्योगों में नए निवेश के लिये 7 वर्ष के SGST, विद्युत कर स्टाम्प ड्यूटी का 75% रिचार्ज भी किया जा रहा है।
    • इसके साथ ही मंडी शुल्क में 100 फीसदी जैसी रियायतें भी दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY)

  • यह योजना राज्य में उद्यमों की स्थापना को सुविधाजनक बनाने और समाज के सभी वर्गों को रोज़गार सृजन के नए अवसर प्रदान करने के लिये वित्तीय संस्थानों के माध्यम से रियायती ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
  • योजना के तहत वित्तीय संस्थानों जैसे (राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंक, निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, अनुसूचित लघु वित्त बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राजस्थान वित्तीय निगम, सिडबी एवं शहरी सहकारी बैंक) के माध्यम से विनिर्माण, सेवा और व्यावसायिक उद्यमों के लिये ऋण प्रदान किया जाएगा।

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