दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें

State PCS Current Affairs



उत्तर प्रदेश

त्वरित सुनवाई हर अभियुक्त का अधिकार

  • 07 Mar 2022
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने आगरा सेंट्रल ज़ेल में 14 वर्षों से बंद 12 उम्रकैदियों की याचिका पर उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ऐसे में त्वरित सुनवाई का अधिकार एवं न्यायिक देरी का मुद्दा पुन: चर्चा में आ गया है।

प्रमुख बिंदु

  • उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और जे.के. माहेश्वरी की पीठ ने यह नोटिस जारी किया है।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल ज़ेल में बंद 14 साल से ज़्यादा की सज़ा भुगत चुके 12 उम्रकैदियों ने रिहाई और ज़मानत के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था। इन कैदियों की अपीलें उच्च न्यायालय में वर्षों से लंबित हैं।
  • उत्तर प्रदेश में उम्रकैद की सज़ा पाए अभियुक्तों के 14 वर्ष से ज़्यादा कैद भुगत चुके और अपील पर सुनवाई न होने का यह पहला मामला नहीं है।
  • गत 25 फरवरी को भी मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक ऐसे ही मामले में 14 वर्ष से ज़्यादा सज़ा भुगत चुके और 10 वर्ष से ज़मानत अर्ज़ी और अपील उच्च न्यायालय में लंबित होने के तथ्य का संज्ञान लेते हुए अभियुक्त रितु पाल को ज़मानत दे दी थी।
close
Share Page
images-2
images-2
× Snow