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उत्तर प्रदेश

शहनाई को GI टैग मिला

  • 16 Apr 2025
  • 18 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बनारसी शहनाई और बनारसी तबला को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किये हैं, जिससे वाराणसी की समृद्ध सांस्कृतिक और शिल्प विरासत को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।

मुख्य बिंदु 

बनारसी शहनाई: 

  • बनारस शहनाई एक पारंपरिक वायु वाद्य यंत्र है, जिसकी जड़ें भारतीय शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने में गहराई से जुड़ी हुई हैं। 
  • इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के माध्यम से मिली, जिन्होंने भारत के प्रथम स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर शहनाई बजाई थी। 
  • इस वाद्य यंत्र को दिव्य और शुभ दर्जा प्राप्त है, जिसे अक्सर शादियों, धार्मिक समारोहों और मंदिर अनुष्ठानों में बजाया जाता है।
  • यह वाराणसी के आध्यात्मिक और कलात्मक चरित्र को दर्शाता है तथा शहर की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान में योगदान देता है।

Shehnai Secures GI Tag

बनारस तबला:

  • बनारस तबला घराना, जिसे पूरब घराना के नाम से भी जाना जाता है, तबला वादन की एक अद्वितीय और प्रभावशाली शैली का प्रतिनिधित्व करता है जिसकी उत्पत्ति वाराणसी (बनारस) में हुई थी।
  • अपनी लयबद्ध परिष्कृतता और समृद्ध स्वर स्पष्टता के लिये जाना जाने वाला यह घराना एक सशक्त पखावज प्रभाव प्रदर्शित करता है, जो इसे अन्य शैलियों से अलग करता है।
  • इसकी अभिव्यंजक और गतिशील रचनाएँ इसे कथक नृत्य के साथ संगत करने के लिये विशेष रूप से उपयुक्त बनाती हैं, जो कि उत्तर भारत में निहित एक शास्त्रीय शैली है।
  • बनारस घराना को भारतीय शास्त्रीय संगीत में छह प्रमुख तबला घरानों में से एक माना जाता है। 
  • प्रसिद्ध प्रतिपादक पंडित अनोखेलाल मिश्र, पंडित किशन महाराज, पंडित समता प्रसाद हैं।

Shehnai Secures GI Tag

भौगोलिक संकेत (GI) टैग

  • भौगोलिक संकेत (GI) टैग, एक ऐसा नाम या चिह्न है जिसका उपयोग उन विशेष उत्पादों पर किया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान या मूल से संबंधित होते हैं।
  • GI टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्त्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति है।
  • यह उत्पाद को दूसरों द्वारा नकल या अनुकरण किये जाने से भी बचाता है।
    • एक पंजीकृत GI टैग 10 वर्षों के लिये वैध होता है।
  • GI पंजीकरण की देखरेख वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा की जाती है।
  • विधिक ढाँचा:

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