उत्तर प्रदेश
संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना
- 18 Sep 2025
- 28 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
यह योजना वैश्विक वस्त्र बाज़ार में राज्य की स्थिति को सशक्त करने के लिये तैयार की गई है।
मुख्य बिंदु
- योजना के बारे में:
- संत कबीर के श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता के आदर्शों से प्रेरित इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक हथकरघा तकनीक तथा आधुनिक वस्त्र प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन बनाना है।
- उद्देश्य:
- यह योजना निवेश, उत्पादन और रोज़गार के नए अवसर सृजित करेगी, जिससे उत्तर प्रदेश को वैश्विक वस्त्र उद्योग में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त होगा।
- वर्तमान स्थिति:
- उत्तर प्रदेश भारत के शीर्ष कपड़ा और परिधान निर्यातकों में से एक है।
- वर्ष 2023-24 में, राज्य ने कपड़ा निर्यात में 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान दिया, जो देश के कुल कपड़ा निर्यात का 9.6% था।
- कपड़ा क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1.5% का योगदान देता है और लगभग 22 लाख लोगों को रोज़गार प्रदान करता है।
- उत्तर प्रदेश भारत के शीर्ष कपड़ा और परिधान निर्यातकों में से एक है।
- बाजार संभावनाएँ:
- वैश्विक वस्त्र बाजार वर्ष 2030 तक 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की संभावना रखता है, जो उत्तर प्रदेश के लिये मज़बूत वैश्विक उपस्थिति बनाने का अवसर प्रदान करता है।
- उत्तर प्रदेश में कपड़ा क्लस्टर:
- वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्ज़ापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे शहरों में पारंपरिक कपड़ा क्लस्टर राज्य की कपड़ा अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- निवेश और रोजगार अनुमान:
- निवेश सारथी पोर्टल पर 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 15,431 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और 1,01,768 रोज़गार सृजित होने की संभावना है।
- ये प्रस्ताव 1,642 एकड़ भूमि को कवर करते हैं और प्रत्येक पार्क कम-से-कम 50 एकड़ में फैला होगा।
- पार्कों में एक सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र और सहायक उद्योगों जैसे बटन, जिपर, पैकेजिंग तथा भंडारण के लिये सुविधाएँ शामिल होंगी।
- PPP मॉडल और अवसंरचना समर्थन:
- इस योजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल या एक नामित नोडल एजेंसी के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा, जिससे सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी प्राथमिक बुनियादी संरचना सुनिश्चित होगी।
- बुनकरों के लिये सरकारी पहल
- राज्य सरकार बुनकरों को सब्सिडी वाली बिजली उपलब्ध कर रही है और उत्पादन लागत कम करने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिये सौर ऊर्जा एकीकरण की संभावना तलाश रही है।
- महत्त्व:
- संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना से न केवल बड़े स्तर पर निवेश और रोज़गार सृजन लाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को वस्त्र तथा परिधान क्षेत्र का वैश्विक हब भी बनाएगी।
संत कबीर दास
- 15वीं शताब्दी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत कबीर दास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक हिंदू परिवार में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण एक मुस्लिम बुनकर दंपत्ति ने किया था।
- वे भक्ति आंदोलन में एक उल्लेखनीय व्यक्ति थे, जिसमें ईश्वर के प्रति समर्पण और प्रेम पर ज़ोर दिया गया था।
- भक्ति आंदोलन 7वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में शुरू हुआ तथा 14वीं और 15वीं शताब्दी के दौरान उत्तर भारत में फैल गया।
- भक्ति आंदोलन के लोकप्रिय संत कवियों, जैसे रामानंद और कबीर दास, ने स्थानीय भाषाओं में भक्ति गीत गाए।
- कबीर ने रामानंद और शेख तकी जैसे गुरुओं से आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया, जिससे उनका अद्वितीय दर्शन विकसित हुआ।
- कबीर को हिंदू और मुसलमान दोनों ही पूजते हैं तथा उनके अनुयायी "कबीर पंथी" के नाम से जाने जाते हैं।
- उनकी लोकप्रिय साहित्यिक कृतियों में कबीर बीजक (कविताएँ और छंद), कबीर परचाई, सखी ग्रंथ, आदि ग्रंथ (सिख) तथा कबीर ग्रंथावली (राजस्थान) शामिल हैं।
- ब्रजभाषा और अवधी में लिखी गई उनकी रचनाओं ने भारतीय साहित्य तथा हिंदी भाषा के विकास को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।