उत्तर प्रदेश
गतिशक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की
- 09 Dec 2025
- 28 min read
चर्चा में क्यों?
संयुक्त सचिव (लॉजिस्टिक्स), DPIIT की अध्यक्षता में नेटवर्क योजना समूह की 104वीं बैठक PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत प्रमुख बुनियादी ढाँचा प्रस्तावों के व्यापक आकलन के लिये आयोजित की गई।
- बैठक में PM गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुरूप आठ रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें मल्टीमॉडल एकीकरण, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और समन्वित योजना पर विशेष ध्यान दिया गया।
मुख्य बिंदु
- बारबेंडा-डमरुघुटू-बोकारो कॉरिडोर (पश्चिम बंगाल और झारखंड):
- NPG ने उच्च घनत्व वाले बारबेंडा-डमरुघुटू-बोकारो माल ढुलाई कॉरिडोर पर तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण के प्रस्ताव की समीक्षा की। यह कॉरिडोर बोकारो स्टील प्लांट और टाटा स्टील जैसे उद्योगों के लिये महत्त्वपूर्ण मार्ग है, जिससे परिचालन दक्षता में सुधार और क्षेत्रीय माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी।
- जमालपुर-मुंगेर दोहरी लाइन और नया गंगा पुल (बिहार):
- बैठक में जमालपुर-मुंगेर दोहरी लाइन परियोजना का मूल्यांकन किया गया, जिसमें गंगा पर नया पुल और जमालपुर अवॉइडिंग लाइन शामिल हैं।
- यह परियोजना गंगा के मैदानों में कनेक्टिविटी सुधार, औद्योगिक विकास का समर्थन और यात्री-माल की तीव्र और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिये विकसित की गई है।
- संतरागाछी-पंसकुरा-खड़गपुर चौथी लाइन (पश्चिम बंगाल):
- अत्यधिक उपयोग किये जाने वाले यात्री-माल गलियारे पर प्रस्तावित चौथी लाइन का मूल्यांकन वर्तमान भीड़भाड़ कम करने, समय घटाने और विश्वसनीयता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया।
- इस मार्ग को मज़बूत करने से रसद दक्षता में वृद्धि और पूर्वी भारत में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
- गुम्मिडीपुंडी-गुदुर तीसरी और चौथी लाइन (तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश):
- रेल मंत्रालय ने गुम्मिडीपुंडी और गुदुर के बीच 89.96 किमी में तीसरी और चौथी लाइन का प्रस्ताव रखा। इससे चेन्नई बंदरगाह से जुड़े मल्टीमॉडल माल ढुलाई में सुधार होगा।
- यह गलियारा उर्वरक, कंटेनर, सीमेंट और बिजली क्षेत्र के माल ढुलाई में सहायता करेगा, जिसकी अपेक्षित हैंडलिंग क्षमता 25.07 MTPA होगी, जो नव स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग सेक्शन के डायवर्जन के माध्यम से संभव होगी।
- कोंकण रेलवे पुनर्गठन (महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक):
- KRCL के लिये तीसरी वित्तीय पुनर्गठन योजना की समीक्षा की गई, जिसमें पेरनेम और ओल्ड गोवा में नई सुरंगें और मायेम, नेउरा-ओ-ग्रांडे और मूकाम्बिका रोड-बिंदूर में तीन अतिरिक्त क्रॉसिंग स्टेशन शामिल हैं।
- उन्नयन का उद्देश्य वित्तीय स्वास्थ्य सुधार, भीड़भाड़ कम करना, सुरक्षा बढ़ाना और तटीय गलियारे पर परिचालन दक्षता को बढ़ावा देना है।
- निदादावोलू-दुव्वाडा तीसरी और चौथी लाइन (आंध्र प्रदेश):
- हावड़ा-चेन्नई मुख्य लाइन पर 198.10 किमी का प्रस्ताव, आंध्र प्रदेश बंदरगाहों से माल ढुलाई बढ़ाने, विशेषकर कोयला, जिप्सम और उर्वरक आयात को बढ़ाने और यात्री सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से है।
- यह विस्तार विशाखापत्तनम स्टील प्लांट और प्रमुख सीमेंट निर्माताओं का समर्थन करता है तथा औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स विकास में योगदान देगा।
- नागदा-मथुरा तीसरी और चौथी लाइन (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान):
- 567.860 किमी लंबी यह परियोजना स्वर्णिम चतुर्भुज और उच्च घनत्व नेटवर्क-3 का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पर शेष असंवर्द्धित खंड के रूप में, इसके विस्तार से पेट्रोलियम टर्मिनल, उर्वरक संयंत्र, सीमेंट उद्योग, भंडारण केंद्र और ताप विद्युत संयंत्र से माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी।
- गाज़ियाबाद-नई सीतापुर तीसरी और चौथी लाइन (उत्तर प्रदेश):
- दस ज़िलों में विस्तृत 402.78 किमी लंबी परियोजना का उद्देश्य उत्तरी सीमांत रेलवे की यात्री और माल ढुलाई दक्षता में सुधार करना है।
- मज़बूत सड़क नेटवर्क, कृषि मंडियाँ, लॉजिस्टिक्स केंद्र और प्रमुख हवाई अड्डे (दिल्ली, बरेली, लखनऊ) के समीपता के कारण, उन्नत कॉरिडोर से लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और सतत क्षेत्रीय विकास का समर्थन मिलने की संभावना है।