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राजस्थान

राजस्थान में पहली लिंग-वर्गीकृत वीर्य प्रयोगशाला

  • 12 Aug 2025
  • 13 min read

चर्चा में क्यों?

11 अगस्त, 2025 को दुग्ध मंत्री जोराम कुमावत द्वारा राजस्थान में पशुओं के लिये पहली लिंग-वर्गीकृत वीर्य प्रयोगशाला का उद्घाटन बस्सी, जयपुर में किया गया। इसका उद्देश्य राज्य में पशुधन की गुणवत्ता, नस्ल सुधार और दूध उत्पादन को बढ़ाना है।

मुख्य बिंदु

  • प्रयोगशाला के बारे में: 
    • संचालन: यह प्रयोगशाला गुजरात के आनंद स्थित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ( NDDB) के सहयोग से राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) के अधीन संचालित होगी।
      • बस्सी वीर्य स्टेशन के प्रबंधन और संचालन के लिये RCDF, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड (RLDB) तथा NDDB डेयरी सर्विसेज (NDS) द्वारा एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
    • इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य राजस्थान में कृत्रिम गर्भाधान के लिये पारंपरिक और लिंग-आधारित वीर्य डोज़ के उत्पादन तथा आपूर्ति को बढ़ाना है।
  • उद्देश्य एवं प्रभाव: 
    • प्रयोगशाला का उद्देश्य पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान के लिये सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य की डोज़ उपलब्ध कराकर क्षेत्र में बेहतर दूध उत्पादन के लिये पशु आनुवंशिकी को बढ़ाना है।
  • उत्पादन और मूल्य निर्धारण: 
    • प्रयोगशाला की वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 लाख वीर्य डोज़ की है, जिसमें लिंग-वर्गीकृत, स्वदेशी पारंपरिक और आयातित नस्ल के वीर्य के आधार पर अलग-अलग मूल्य निर्धारण होता है तथा अतिरिक्त डोज़ बाजार दरों पर अन्य एजेंसियों को बेची जा सकती है।
  • महत्त्व: 
    • बस्सी वीर्य स्टेशन राजस्थान में एक प्रमुख संसाधन बनने जा रहा है, न केवल वीर्य उत्पादन के लिये बल्कि पशुपालकों के लिये एक शैक्षिक और सहायता केंद्र के रूप में भी, जो इस क्षेत्र में डेयरी उद्योग के आर्थिक तथा पर्यावरणीय लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा।
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