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State PCS Current Affairs


उत्तराखंड

प्रदेश में मोबाइल ईसीएचएस शुरू करने की तैयारी

  • 07 Jul 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड में सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर अमृत लाल ने बताया कि प्रदेश के लगभग दो लाख पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को घर के नज़दीक मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने की तैयारी है। इसके लिये पहाड़ में मोबाइल ईसीएचएस (एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम) को शुरू करने की तैयारी चल रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • पहाड़ों में इस सुविधा से अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे ज़िलों से पलायन रुकेगा।
  • विदित है कि सैन्य बहुल प्रदेश में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सुविधा के लिये देहरादून सहित विभिन्न ज़िलों में ईसीएचएस केंद्र बने हैं, लेकिन कुछ केंद्र दूरदराज के क्षेत्रों में होने से पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। खासकर वे पूर्व सैनिक केंद्र तक नहीं पहुँच पाते, जिनकी उम्र 80 साल या फिर इससे अधिक है।
  • ज्ञातव्य है कि सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक के अनुसार, केंद्रीय सैनिक बोर्ड की इस साल अप्रैल में नई दिल्ली में हुई बैठक में सैनिक कल्याण विभाग की ओर से इस मसले को उठाया गया था।
  • बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है, जिसकी भौगोलिक स्थिति अलग है। ईसीएचएस के लिये मानक एक समान होने से भी प्रदेश में दिक्कत पेश आ रही है।
  • सेना मुख्यालय की ओर से ईसीएचएस के लिये देशभर में समान मानक तय किये गए हैं। सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक के मुताबिक, कम से कम 7,500 पूर्व सैनिकों की आबादी पर एक ईसीएचएस स्थापित किया जा सकता है, जबकि देहरादून ज़िले में 36,500 पूर्व सैनिक हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में उनके आश्रित हैं।
  • ईसीएचएस योजना के तहत भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सैनिकों और अधिकारियों के सेवानिवृत्त होते समय अंशदान के रूप में कुछ फीस जमा कराई जाती है। इसके बाद उनका ईसीएचएस कार्ड बनता है, जिस पर उनको और उनके आश्रितों को जीवनभर मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा मिलती है। ईसीएचएस के पैनल के निजी अस्पतालों में भी उन्हें स्वास्थ्य सुविधा दी जाती है।
  • मैदान में 40 से 45 किमी. की दूरी कुछ देर में तय की जा सकती है, जबकि पहाड़ में इसके लिये घंटों लगते हैं। इसके अलावा पहाड़ में ट्रांसपोर्ट की भी समस्या है। पूर्व सैनिकों को घर के नज़दीक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले, इसके लिये केंद्रीय सैनिक बोर्ड की बैठक में राज्य के पूर्व सैनिकों की इस समस्या को उठाया गया है। 
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