छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में PMAY-G
- 13 May 2025
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने रायपुर में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) और पीएम जनमन योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
मुख्य बिंदु
- कार्यक्रम के बारे में:
- उन्होंने PMAY-G और पीएम जनमन योजना के तहत घर की चाबियाँ वितरित कीं और 51,000 नए PMAY लाभार्थियों के लिये गृह प्रवेश समारोह का नेतृत्व किया।
- उन्होंने ग्रामीण सशक्तीकरण में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले स्वयं सहायता समूह (SHGs) के सदस्यों और 'लखपति दीदियों' को भी सम्मानित किया।
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G):
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वर्ष 2016 में शुरू की गई PMAY-G का उद्देश्य समाज के सबसे गरीब तबके को आवास उपलब्ध कराना है।
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लाभार्थियों के चयन में तीन चरणों की गहन सत्यापन प्रक्रिया शामिल है, जिसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा अनुमोदन और जियो-टैगिंग शामिल है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सहायता सबसे योग्य व्यक्तियों तक पहुँचे।
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PMAY-G के तहत लाभार्थियों को मिलता है:
- वित्तीय सहायता: मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए तथा पूर्वोत्तर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों सहित पहाड़ी राज्यों में 1.30 लाख रुपए।
- शौचालयों के लिये अतिरिक्त सहायता: स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण (SBM-G) या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGA) या किसी अन्य समर्पित वित्त पोषण स्रोत जैसी योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से शौचालयों के निर्माण के लिये 12,000 रुपए।
- रोज़गार सहायता: आवास निर्माण के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के माध्यम से लाभार्थियों के लिये 90/95 व्यक्ति-दिवस अकुशल मजदूरी रोज़गार का अनिवार्य प्रावधान।
- बुनियादी सुविधाएँ: प्रासंगिक योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से पानी, तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) और बिजली कनेक्शन तक पहुँच।
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- पीएम-जनमन योजना
- पीएम-जनमन एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाना है।
- यह योजना (केंद्रीय क्षेत्र तथा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के एकीकरण) जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों एवं PVTG समुदायों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी।
- यह योजना 9 संबंधित मंत्रालयों द्वारा देख-रेख किये जाने वाले 11 महत्त्वपूर्ण कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो PVTG वाले गाँवों में मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगी।
- इसमें पीएम-आवास योजना के तहत सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल तक पहुँच, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, पोषण, सड़क एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी के साथ-साथ स्थायी आजीविका के अवसर सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
- इस योजना में वन उपज के व्यापार के लिये वन धन विकास केंद्रों की स्थापना, 1 लाख घरों के लिये ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली तथा सौर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था शामिल है।
स्वयं सहायता समूह (SHGs)
- परिचय:
- स्वयं सहायता समूह को समान सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले और सामूहिक रूप से एक सामान्य उद्देश्य को पूरा करने के इच्छुक लोगों के स्व-शासित, सहकर्मी-नियंत्रित सूचना समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
- एक SHG में आमतौर पर समान आर्थिक दृष्टिकोण और सामाजिक स्थिति वाले कम-से-कम पाँच व्यक्ति (अधिकतम बीस) शामिल होते हैं।
- भारत में स्वयं सहायता समूहों की उत्पत्ति:
- प्रारंभिक प्रयास (1970 से पूर्व): सामूहिक कार्रवाई और आपसी सहयोग के लिये विशेष रूप से महिलाओं के बीच अनौपचारिक SHG के उदाहरण थे।
- SEWA (1972): इलाबेन भट्ट द्वारा स्थापित स्व-रोज़गार महिला संघ (Self-Employed Women's Association- SEWA) को अक्सर एक निर्णायक क्षण माना जाता है।
- इसने गरीब और स्व-रोज़गार महिला श्रमिकों को संगठित किया, आय सृजन एवं समर्थन के लिये एक मंच प्रदान किया।
- MYRADA और पायलट कार्यक्रम (1980 के दशक के मध्य): 1980 के दशक के मध्य में, मैसूर पुनर्वास और क्षेत्र विकास एजेंसियों (MYRADA) ने निर्धनों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को ऋण प्रदान करने के लिये एक माइक्रोफाइनेंस रणनीति के रूप में SHG की शुरुआत की।
- NABARD एवं SHG-बैंक लिंकेज (1992): राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development- NABARD) ने वर्ष 1992 में SHG-बैंक लिंकेज कार्यक्रम शुरू किया।
- इस पहल ने SHG को औपचारिक बैंकिंग संस्थानों से जोड़ा गया, जिससे विभिन्न समूहों के लिये ऋण और वित्तीय सेवाओं तक पहुँच संभव हो गई।
- सरकारी मान्यता (1990-वर्तमान): 1990 के दशक से, सरकार ने स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना (SGSY) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihoods Mission- NRLM) जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से SHG को सक्रिय रूप से समर्थन दिया है।
- इन पहलों ने भारत में SHG आंदोलन की पहुँच और प्रभाव में काफी विस्तार किया है।