दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


छत्तीसगढ़

स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा आन-डिमांड बहु-भाषा शिक्षण पर आनलाईन कोर्स का शुभारंभ

  • 22 Feb 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

21 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर ज़िला एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारियों के लिये ऑनलाईन डिमांड बहु-भाषा शिक्षण हेतु ऑनलाईन कोर्स का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके अलावा स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राज्य में भाषायी सर्वे के आधार पर बच्चों को बहु-भाषा शिक्षण देने के लिये शिक्षकों के लिये पठन सामग्री का विमोचन किया। साथ ही बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने के लिये पॉडकास्ट का उपयोग करने हेतु शिक्षकों का ऑन डिमांड क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में स्कूली बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में शिक्षा देने की घोषणा की गई है, जिसके आधार पर मातृभाषा शिक्षण पर विभिन्न कार्य प्रारंभ किये गए हैं, इसका लाभ राज्य में आदिवासी अंचल के बच्चों को मिल रहा है।
  • छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहाँ लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एल.एल.एफ.) और यूनिसेफ के सहयोग से भाषायी सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा किया गया है। ऐसे में अब जब कक्षाओं में बच्चों को सीखने में स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाना है, तो स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिये ऑनलाईन कोर्स का शुभारंभ किया गया है।
  • छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने बच्चों द्वारा बोली जाने वाली भाषा पर आधारित भाषायी सर्वे किया है। इस रिपोर्ट को समझने एवं स्कूलों में शिक्षकों को बहुभाषा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर जानकारी देने हुए शिक्षण विधियों में आवश्यक सुधार लाने हेतु समग्र शिक्षा की ओर से संदर्भ सामग्री तैयार की गई है। यह सामग्री प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को उपलब्ध करवाई जाएगी।
  • राज्य में वर्तमान में शिक्षकों की एक टीम द्वारा प्रतिमाह चर्चा पत्र को पॉडकास्ट के रूप में प्रकाशित किया जाता है, जिसे शिक्षक बड़ी रूचि से सुनते हैं और उसमें कही गई बातों को अपनी-अपनी कक्षा में लागू करने का प्रयास करते हैं।
  • इसी कड़ी में कुछ विशेषज्ञ शिक्षकों, कुछ स्थानीय भाषा के जानकार शिक्षकों एवं कुछ बाह्य संस्थाएँ जो इस कार्य में सहयोग देना चाहते हों, उनके साथ मिलकर विभिन्न स्थानीय कहानियों का संकलन, उन पर पॉडकास्ट बनाना, बाद में चयनित कुछ कहानियों का प्रिंट वर्जन भी साझा करना जैसे कार्य इस टीम के साथ मिलकर किये जाएंगे।
  • इस कार्य के लिये इच्छुक लोगों की टीम सोशल मीडिया के माध्यम से बनाई जाएगी। इन पॉडकास्ट को स्कूलों में शिक्षकों द्वारा मोबाइल, प्राथमिक शालाओं में उपलब्ध स्पीकर आदि का उपयोग कर इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। इस पॉडकास्ट को सुनकर बच्चे अपने संस्कृति, इतिहास एवं परंपराओं को जानकार आत्म गौरवान्वित हो सकेंगे।
  • पॉडकास्ट निर्माण में तकनीकी समर्थन, इनके कक्षाओं में उपयोग हेतु उपकरण की आवश्यकता के आधार पर मांग एवं समर्थन हेतु ‘विद्यांजली’पोर्टल पर भी इसे अपलोड किया जाना प्रस्तावित है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow