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झारखंड

अब झारखंड में 1950 के ज़िला व थाना क्षेत्र के आधार पर सीएनटी ज़मीन की हो सकेगी खरीद-बिक्री

  • 18 Nov 2023
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में जनजाति परामर्शदातृ परिषद् (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल, टीएसी) की बैठक में सीएनटी एक्ट के अंतर्गत 26 जनवरी, 1950 के समय राज्य के भीतर, जो ज़िले और थाने थे, उन्हीं को ज़िला और थाना मानते हुए धारा-46 के तहत ज़मीन की खरीद-बिक्री के लिये मान्यता प्रदान कर सहमति दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि 1950 में अविभाजित बिहार के झारखंड प्रक्षेत्र में मात्र 7 ज़िले थे। संतालपरगना, हजारीबाग, रांची, पलामू, मानभूम, धनबाद और सिंहभूम। टीएसी के प्रस्ताव पर सरकार आगे बढ़ती है, तो इन ज़िलों के विभाजन के बाद ज़िलों के लोग भी सीएनटी एक्ट के प्रावधान के अनुरूप अलग-अलग ज़िलों में ज़मीन खरीद सकेंगे।
  • इन ज़िलों को बाँट कर ही वर्तमान में 24 ज़िले बने हैं। ऐसे में सीएनटी के अंतर्गत आने वाले एससी और ओबीसी वर्ग के बीच ज़मीन खरीद-बिक्री का दायरा बढ़ेगा।
  • सीएनटी एक्ट के मामले में अब आगे क्या हो सकता है-
    • टीएसी विधि विशेषज्ञों से राय लेकर एक सर्वसम्मत प्रस्ताव तैयार कर सकती है और इसे राज्य सरकार के पास भेज सकती है।
    • टीएसी इस मामले को गवर्नर को नहीं भेजेगी, क्योंकि गवर्नर को टीएसी से अलग किया गया है।
    • पाँचवीं अनुसूची में टीएसी के कस्टोडियन गवर्नर होते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने नयी नियमावली तैयार कर ली है।
    • सीएनटी एक्ट में सरकार कोई संशोधन करती है, तो उसे विधानसभा से पारित कराना होगा। विधानसभा से पारित होने के बाद ही इसको मूर्तरूप दिया जा सकता है।

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