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State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन

  • 11 Jul 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा में केंद्र प्रायोजित योजना 'राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन' (NEVA) के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी।

मुख्य बिंदु:

  • डिजिटल इंडिया पहल के तहत, भारत सरकार ने देश की सभी विधानसभाओं को कागज़ रहित प्रारूप में परिवर्तित करने और उन्हें एक मंच पर एकीकृत करने के लिये केंद्र प्रायोजित 'नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन' योजना शुरू की है।
    • योजना कार्यान्वयन लागत का 60% हिस्सा भारत सरकार और 40% हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों, आश्रमों एवं सामुदायिक कल्याण केंद्रों में निवासरत विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति कल्याण/जनजातीय कार्य विभाग द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति दरों के अनुसार युक्तिकरण।
    • लड़कों के लिये वर्तमान मासिक छात्रवृत्ति 1230 रुपए से बढ़ाकर 1550 रुपए तथा लड़कियों के लिये 1270 रुपए से बढ़ाकर 1590 रुपए प्रति माह की जाएगी।
  • मंत्रिपरिषद ने नर्मदा घाटी विकास विभाग की 9,271.96 करोड़ रुपए की लागत की सात परियोजनाओं के लिये निविदाएँ आमंत्रित करने की स्वीकृति दी।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम

  • भारत सरकार ने वर्ष 2015 में भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था। 
  • इसके प्रमुख उद्देश्यों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना, डिजिटल सेवाएँ प्रदान करना और डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना शामिल है।

विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति (De-Notified, Nomadic And Semi-Nomadic Tribes)

  • ये वे समुदाय हैं जो सबसे ज़्यादा कमज़ोर और वंचित हैं।
  • DNT वे समुदाय हैं जिन्हें ब्रिटिश शासन के दौरान आपराधिक जनजाति अधिनियम, 1871 से शुरू होने वाले कई कानूनों के तहत 'जन्मजात अपराधी' के रूप में 'अधिसूचित' किया गया था।
    • इन अधिनियमों को स्वतंत्र भारतीय सरकार ने वर्ष 1952 में निरस्त कर दिया था और इन समुदायों को "विमुक्त" कर दिया गया था।
  • इनमें से कुछ समुदाय जिन्हें विमुक्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, वे घुमक्कड़ भी थे।
    • घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ समुदायों को उन लोगों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो हर समय एक ही स्थान पर रहने के बजाय एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं।
  • ऐतिहासिक रूप से घुमक्कड़ जनजातियों और विमुक्त जनजातियों के पास कभी भी निजी भूमि या घर के स्वामित्व तक पहुँच नहीं थी।
  • जबकि अधिकांश DNT अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणियों में फैले हुए हैं, कुछ DNT किसी भी SC, ST या OBC श्रेणी में शामिल नहीं हैं।

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