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गंगा नौवहन चैनल को स्थिर करने हेतु IIT और IWAI के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

  • 11 Dec 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की ने वाराणसी से साहिबगंज तक गंगा नदी के एक खंड के साथ 17 स्थानों पर नौवहन चैनल के स्थिरीकरण के लिये भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। यह जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा गंगा के एक पूर्व रूपात्मक अध्ययन का अनुसरण करता है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस परियोजना के तहत आईआईटी रुड़की राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) पर नेविगेशन की क्षमता बढ़ाने के लिये पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों के साथ नेविगेशन चैनल के विकास हेतु गंगा नदी के किनारे 17 स्थानों पर चैनल स्थिरीकरण का (नदी प्रशिक्षण) कार्य करेगा। 
  • यह कार्य IAWI की चल रही जल मार्ग विकास परियोजना (JMVP) का एक हिस्सा है, जो विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित है। 
  • जेएमवीपी सड़कों और रेलवे जैसे अन्य सतह परिवहन साधनों के साथ एकीकरण के अवसरों के निर्माण एवं सुधार की परिकल्पना करता है, ताकि विभिन्न अच्छी तरह से सुसज्जित टर्मिनलों और घाटों के माध्यम से जलमार्गों को जोड़कर रसद श्रृंखला की समग्र दक्षता में सुधार किया जा सके।
  • इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा कि यह सहयोग राष्ट्र के जलमार्गों की उन्नति सुनिश्चित करेगा और विशेष रूप से पूरे गंगा बेल्ट में रहने वाले किसानों एवं लोगों को लाभान्वित करेगा।
  • यह छोटे पैमाने के उद्योगों के विकास को बढ़ावा देगा, रोज़गार के अवसर पैदा करेगा और कार्गो के परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा। इस प्रकार छोटे जेटीस (Jetties) के माध्यम से रसद में सुधार होगा, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
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