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राजस्थान

राजस्थान सरकार और जापान की 11 कंपनियों के मध्य एमओयू

  • 09 Jul 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को नीमराना स्थित डाईकिन जापानीज़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग एक्सिलेंस (डीजेआईएमई) में आयोजित एमओयू सेरेमनी में राजस्थान सरकार और जापान की 11 कंपनियों के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।

प्रमुख बिंदु

  • इस एमओयू से नीमराना, गिलोठ व चापारिया की ढाणी (पाली) क्षेत्रों में 1338 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 2272 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • राजस्थान सरकार ने जापान की जिन 11 कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं, वे हैं- टोकाई रिका मिंडा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (335 करोड़ रुपए), निडेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (300 करोड़ रुपए), हिताची एस्टेमो राजस्थान ब्रेक सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (140 करोड़ रुपए), फूजी सिल्वरटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (110 करोड़ रुपए), सीकेडी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (100 करोड़ रुपए), ताइयो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (100 करोड़ रुपए), एलाइड जेबी फ्रिक्शन प्राइवेट लिमिटेड (78 करोड़ रुपए), एच2 मिल्क फार्म प्राइवेट लिमिटेड (65 करोड़ रुपए), एचएनवी कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (40 करोड़ रुपए), एमआईईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (40 करोड़ रुपए) एवं बेलटेक्नो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (30 करोड़ रुपए)।
  • इस एमओयू से लगभग 1300 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जो कि 22 बिलियन येन के बराबर है। प्रदेश में वर्ष 2008 में जापान की कंपनियों की संख्या 10 थी, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 170 हो गई है।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जापान की कंपनियों को बाड़मेर में बन रहे, पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स, इनवेस्ट राजस्थान और स्किल डेवलपमेंट सेंटर के निर्माण में निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने जापान की कंपनियों से आह्वान किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को भी रोज़गार देने के लिये स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले, इनमें जो भी अपेक्षित सहयोग होगा, राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की वर्ष 2005 में जापान यात्रा के दौरान जापानी निवेश, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) व फ्रंट कॉरिडोर की भूमिका तैयार हुई थी। नीमराना स्थित जापानीज़ ज़ोन भी डीएमआईसी का हिस्सा है।
  • भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सतोशी ने कहा कि भारत और जापान कानून का शासन एवं लोकतंत्र जैसे मौलिक मूल्यों को साझा करते हैं। हमारा रिश्ता केवल द्विपक्षीय नहीं है, अपितु असाधारण है। इसीलिये इसे स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप कहते हैं।
  • उन्होंने कहा कि गत मार्च में भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच समिट में इस बात पर संतोष जताया गया कि वर्ष 2014 में घोषित किये गए 5 ट्रिलियन जापानीज़ येन (लगभग 2 लाख करोड़ रुपए) के निवेश का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। अब 5 ट्रिलियन जापानीज़ येन (लगभग 3 लाख करोड़ रुपए) को आगामी 5 वर्षों में जापान द्वारा भारत में निवेश करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
  • उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि उद्योग विभाग ने हाल ही में प्रत्येक ज़्ले में रोड शो का आयोजन किया, जिससे वहाँ के पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि 5 हज़ार से ज़्यादा उद्यमी 7 एवं 8 अक्टूबर को प्रस्तावित इनवेस्ट राजस्थान समिट में भाग लेंगे। इससे प्रदेश में निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
  • जापानीज़ एक्सटर्नल ऑर्गेनाईज़ेशन (जेट्रो) के मुख्य महानिदेशक यासुयुकि मुराहाशि ने कहा कि जापान की कंपनियों द्वारा किये गए एमओयू से राजस्थान में लगभग 1300 करोड़ रुपए का निवेश होगा। उन्होंने बताया कि इनमें से 1 कंपनी गिलोठ इंडस्ट्रियल पार्क में निवेश करने जा रही है, जो कि किसी जापान की कंपनी का उक्त क्षेत्र में पहला निवेश है।
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