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बिहार

श्रम संसाधन विभाग और टाटा टेक्नोलॉजी के बीच समझौता

  • 01 Feb 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों? 

31 जनवरी, 2022 को बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने राज्य भर के 149 सरकारी आईटीआई को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने और छात्रों को बेहतर रोजगार से जोड़ने के लिये टाटा टेक्नोलॉजी से समझौता किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि इस समझौते के बाद सरकारी आईटीआई में पढ़ाई करने वाले छात्र देश-दुनिया में आज की तकनीक के आधार पर रोजगार ले पाएंगे और देश को बेहतर मानव संसाधन मिल पाएगा।
  • उन्होंने कहा कि इस तरह का समझौता करने वाला बिहार देश का दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले इस तरह का कार्यक्रम कर्नाटक में शुरू किया गया था।
  • इस समझौते के बाद राज्य का प्रौद्योगिकी परिदृश्य बदल जाएगा। राज्य के युवाओं के लिये बेहतर कौशल और रोजगार के अवसर उपलब्ध होगा। यह राज्य में उन उद्योग प्रतिष्ठानों के लिये संभावित निवेश के रूप में भी स्थापित होगा, जो उद्योग 4.0 और विनिर्माण के लिये स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने को इच्छुक हैं।
  • अब आईटीआई में 23 नई तकनीक के उन्नत व्यापार पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेंगे। इस परियोजना के तहत कुल निवेश 4,606 करोड़ रुपए होगा।
  • इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वंदना किनी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि बिहार में बिहार के युवाओं को प्रशिक्षित और सशत्त बनाना, ताकि वे बिहार में नए प्रौद्योगिकी समाधानों को खोज सकें और साथ ही कंपनियों से निवेश आकर्षित कर रोजगार सृजित कर सकें।
  • उन्होंने कहा कि पहले चरण में दिसंबर 2022 तक 60 केंद्र अपग्रेड होंगे। वहीं, बाकी 89 केंद्रों को विकसित करने का काम जनवरी 2023 में प्रारंभ किया जाएगा, जो 31 दिसंबर, 2023 तक पूरा होगा। इस काम में सहयोगी के रूप में 16 कंपनियाँ हैं, जो आईटीआई को विकसित करने के लिये काम करेंगी।
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