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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश बजट 2023-24

  • 02 Mar 2023
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मध्य पदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्य प्रदेश विधान सभा में वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया।

प्रमुख बिंदु

  • भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने हेतु राज्य द्वारा पूजीगत व्यय को बढ़ावा देने हेतु कुल बजट का लगभग 20 प्रतिशत प्रावधान रखा गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत है।
  • आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश- बजट- 2023-24 को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को दृष्टिगत रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएँ मिशन मोड में तैयार की गई हैं।
  • जनता का बजट- बजट तैयार करने हेतु जनता के सुझाव प्राप्त कर बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।
  • वर्ष 2023-24 का बजट प्रथम बार ई-बजट के रूप में प्रस्तुत किया गया।
    • कुल विनियोग की राशि 3,14,024,84 करोड़ रुपए, जो विगत वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। कुल शुद्ध व्यय 81.553.62 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • राजस्व आधिक्य 76 करोड़ रुपए।
    • सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का 02% अनुमानित।
    • अनुमानित राजस्व प्रातियाँ 2,25,709.90 करोड़ रुपए है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 499.98 करोड़ रुपए केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 80,183.67 करोड़ रुपए, करेत्तर राजस्व 14,913.10 करोड़ रुपए एवं केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 44,113.15 करोड़ रुपए शामिल।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य स्वयं के कर राजस्व में 11% की वृद्धि अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-22 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राजस्व व्यय में 11% की वृद्धि अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में पूंजीगत परिव्यय में लगभग 15% की वृद्धि अनुमानित।
    • अनुमानित वर्ष 2023-24 में पूंजीगत परिव्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4% अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 03%।
    • वर्ष 2023-24 में व्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्तियों का 10%।
  • बजट के कुछ प्रमुख बिंदु
    • अनुसूचित जनजाति (सब-स्कीम) हेतु 36,950.16 करोड़ रुपए।
    • अनुसूचित जाति (सब-स्कीम) हेतु 260, 86.81 करोड़ रुपए।
    • सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 11406 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु 8000 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना हेतु 8000 करोड़ रुपए।
    • जल जीवन मिशन नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन हेतु 7332 करोड़ रुपए।
    • 15वें वित्त आयोग के अनुसार अपेक्षित सुधार करने पर सहायता हेतु 6935 करोड़ रुपए।
    • माध्यमिक शालाओं हेतु 6728 करोड़ रुपए।
    • अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 5520 करोड़ रुपए।
    • म.प्र.वि.म. द्वारा 5 एच.पी. के कृषि पंपों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति में 4775 करोड़ रुपए।
    • शासकीय हाई/हायर सेकेंडरी शालाएँ हेतु 4641 करोड़ रुपए।
    • 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान हेतु 4176 करोड़ रुपए।
    • समग्र शिक्षा अभियान हेतु 4039 करोड़ रुपए।
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम/एनआरएचएम) हेतु 3996 करोड़ रुपए।
    • रीवैम्प्ड डिस्ट्रीव्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) हेतु 3526 करोड़ रुपए।
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना हेतु 3500 करोड़ रुपए।
    • अटल गृह ज्योति योजना हेतु 3500 करोड़ रुपए।
    • सी. एम. राइज हेतु 3230 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु 3230 करोड़ रुपए।
    • हाउसिंग फॉर आल हेतु 2800 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु 2001 करोड़ रुपए।
    • सामाजिक सुरक्षा और कल्याण हेतु 1916 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 1826 करोड़ रुपए।
    • सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं का सौर उर्जीकरण हेतु 1356 करोड़ रुपए।
    • न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना हेतु 1272 करोड़ रुपए।
    • निवेश प्रोत्साहन योजना हेतु 1250 करोड़ रुपए।
    • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु 1144 करोड़ रुपए।
    • आपदा प्रबंधन योजनाओं को बनाए जाने हेतु 1131 करोड़ रुपए।
    • ग्रामीण सड़कों एवं अन्य ज़िला मार्गों का निर्माण/उन्नयन हेतु 1020 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए।
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