उत्तर प्रदेश
कारीकोट गाँव को ICRT पुरस्कार 2025 मिला
- 19 Aug 2025
- 26 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में स्थित कारीकोट गाँव को प्रतिष्ठित भारतीय उपमहाद्वीपीय उत्तरदायी पर्यटन (ICRT) पुरस्कार 2025 के लिये चुना गया है।
- यह पुरस्कार ICRT इंडिया फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है और पर्यटन मंत्रालय द्वारा समर्थित है।
मुख्य बिंदु
- ICRT पुरस्कार 2025:
- यह पुरस्कार सतत् पर्यटन में अग्रणी लोगों को सम्मानित करता है। इसका उद्देश्य नकारात्मक प्रभावों को घटाना और सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाना है।
- यह पुरस्कार 13 सितंबर वर्ष 2025 को नई दिल्ली में प्रदान किया जाएगा।
- श्रेणियाँ:
- पुरस्कार समारोह में विभिन्न श्रेणियों जैसे वन टू वॉच, सिल्वर और गोल्ड के अंतर्गत संस्थानों को सम्मानित किया जाएगा।
- मानदंड:
- पैनल ने प्रामाणिकता, प्रतिकृति, सामुदायिक भागीदारी और दीर्घकालिक प्रभाव के आधार पर प्रविष्टियों का मूल्यांकन किया है।
- इस प्रक्रिया में कारीकोट अपनी नवोन्मेषी और समुदाय-आधारित ग्रामीण पर्यटन दृष्टि के कारण विशेष रूप से उभरकर सामने आया, जो स्थायित्व तथा प्रभाव का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- कारीकोट गाँव मॉडल:
- भारत-नेपाल सीमा और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के निकट स्थित कारीकोट में पर्यटन पहल मुख्य रूप से थारू जनजातीय समुदाय द्वारा संचालित है। इसमें होमस्टे, इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक अनुभवों पर विशेष ज़ोर दिया जाता है।
- इन पहलों ने पारंपरिक थारू शिल्प, व्यंजन और लोककलाओं को पुनर्जीवित करने में मदद की है, जिससे कारीकोट थारू विरासत का एक जीवंत संग्रहालय के रूप में उभरा है।
- कारीकोट का समुदाय-आधारित और सतत् पर्यटन मॉडल विशेषकर महिलाओं तथा युवाओं के लिये नए रोज़गार के अवसर एवं दीर्घकालिक लाभ प्रदान करता है।
- उत्तर प्रदेश की ग्रामीण पर्यटन रणनीति:
- कारीकोट को मिली यह मान्यता राज्य के ग्रामीण पर्यटन को विकास का प्रमुख केंद्र बनाने के प्रयास को रेखांकित करती है, जिसे उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति 2025 और इको-पर्यटन प्रोत्साहन जैसी पहलों का समर्थन प्राप्त है।
थारू जनजाति
- थारू का शाब्दिक अर्थ: ऐसा माना जाता है कि ‘थारू’ शब्द की उत्पत्ति ‘स्थविर’ (Sthavir) से हुई है जिसका अर्थ होता है बौद्ध धर्म की थेरवाद शाखा/परंपरा को मानने वाला।
- निवास स्थान: थारू समुदाय शिवालिक या निम्न हिमालय की पर्वत शृंखला के बीच तराई क्षेत्र से संबंधित है।
- तराई उत्तरी भारत और नेपाल के बीच हिमालय की निचली श्रेणियों के सामानांतर स्थित क्षेत्र है।
- थारू समुदाय के लोग भारत और नेपाल दोनों देशों में पाए जाते हैं, भारतीय तराई क्षेत्र में ये अधिकांशतः उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में रहते हैं।
- अनुसूचित जनजाति: थारू समुदाय को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में एक अनुसूचित जनजाति के रूप में चिह्नित किया गया है।
- आजीविका: इस समुदाय के अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिये वनों पर आश्रित रहते हैं, हालाँकि समुदाय के कुछ लोग कृषि भी करते हैं।
- भाषा: इस समुदाय के लोग थारू भाषा (हिंद-आर्य उपसमूह की एक भाषा) की अलग-अलग बोलियाँ और हिंदी, उर्दू तथा अवधी भाषा के विभिन्न रूपों का प्रयोग बोलचाल के लिये करते हैं।
ICRT इंडिया फाउंडेशन
- ICRT इंडिया फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2017 में भारत में उत्तरदायी पर्यटन को समर्थन और विस्तार देने के लिये की गई थी।
- यह केप टाउन उत्तरदायी पर्यटन घोषणा-पत्र 2002 का समर्थन करता है और इसके सिद्धांतों को बढ़ावा देता है।
- फाउंडेशन ने मैग्नाकार्टा द्वीप पर हस्ताक्षरित उत्तरदायी पर्यटन चार्टर 2022 पर हस्ताक्षर किये और उसका समर्थन करता है।