इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


हरियाणा

कलेसर वन्यजीव अभयारण्य

  • 26 Apr 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा के यमुनानगर ज़िले में कालेसर वन्यजीव अभयारण्य के अंदर चार प्रस्तावित बाँधों के निर्माण पर रोक लगा दी।

मुख्य बिंदु:

  • कालेसर वन्यजीव अभयारण्य के भीतर चार बाँधों चिकन, कांसली, खिल्लनवाला और अंबावली के निर्माण को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी क्योंकि इससे क्षेत्र में वनस्पतियों तथा जीवों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  •  राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) की रिपोर्ट का संज्ञान लिये बिना वन्यजीव अभयारण्य के अंदर बाँध बनाने की अनुमति दे दी है।
  • WII ने अपनी रिपोर्ट 'कालेसर वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा में प्रस्तावित छोटे बाँधों की व्यवहार्यता अध्ययन' में स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रस्तावित बाँध कालेसर वन्यजीव अभयारण्य की संरक्षित क्षेत्र सीमा के अंतर्गत हैं और इस तरह संरक्षित क्षेत्र की स्थलीय तथा साथ ही जलीय जैव विविधता को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगे।
  • 13 दिसंबर 1996 को अधिसूचित कलेसर वन्यजीव अभयारण्य शिवालिक तलहटी पर स्थित है। यह राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड) और सिंबलबारा राष्ट्रीय उद्यान (हिमाचल प्रदेश) से सटा हुआ है।
  • पूरा क्षेत्र जैवविविधता से भरा हुआ है, जिसमें घने साल के वन, खैर के वन और घास की भूमि के टुकड़े हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के पौधों और जीवों की प्रजातियाँ हैं।
  • राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से रॉयल टाइगर और शक्तिशाली हाथी इस स्थान पर आते हैं। वहाँ पाए जाने वाले अन्य जानवरों में मॉनिटर लिज़ार्ड, ग्रे-हुडेड वार्बलर, किंग कोबरा, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, पायथन, चीतल, चेस्टनट-बेलिड न्यूथैच, सांभर, बार-टेल्ड ट्रीक्रीपर, बार्किंग डियर, घोरल, रेड-बिल्ड ब्लू मैगपाई और तेंदुआ शामिल हैं।

वन्यजीवन के लिये राष्ट्रीय बोर्ड (NBWL)

  • NBWL सभी वन्यजीव संबंधी मुद्दों की समीक्षा करने और राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों में तथा उसके आसपास परियोजनाओं को मंज़ूरी देने वाला शीर्ष संगठन है।
  • NBWL की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और यह वन्यजीवों तथा वनों के संरक्षण एवं विकास को बढ़ावा देने के लिये ज़िम्मेदार है।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।
  • बोर्ड स्वभाव से 'सलाहकार' है और केवल वन्यजीवों के संरक्षण के लिये नीति निर्माण पर सरकार को सलाह दे सकता है।

भारतीय वन्यजीव संस्थान

  • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी।
  • यह देहरादून, उत्तराखंड में स्थित है।
  • यह वन्यजीव अनुसंधान और प्रबंधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम, शैक्षणिक पाठ्यक्रम एवं सलाह प्रदान करता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2