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मध्य प्रदेश

भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन

  • 18 Nov 2025
  • 14 min read

चर्चा में क्यों?

भोपाल का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भारत का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत पुनर्विकसित कर संचालित किया जा रहा है, जो शहर के द्वितीयक पारगमन केंद्र के रूप में कार्य करता है।

  • पश्चिम मध्य रेलवे ज़ोन में स्थित इस स्टेशन का नाम वर्ष 2021 में गोंड रानी कमलापति के नाम पर रखा गया, इससे पहले इसका नाम हबीबगंज था।

मुख्य बिंदु 

  • स्टेशन का पुनर्विकास लगभग 450 करोड़ रूपये की लागत से IRSDC और बंसल ग्रुप के बीच PPP मॉडल के तहत किया गया।
  • इसमें एयरपोर्ट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं जैसे पूरी तरह एयर-कंडीशन्ड कंकोर्स, हाई-स्पीड एस्केलेटर, ट्रैवेलैटर, प्रीमियम प्रतीक्षालय, फ़ूड कोर्ट और मल्टी-लेवल पार्किंग।
  • इसका स्वामित्व भारतीय रेलवे के पास है, जबकि संचालन, रखरखाव और वाणिज्यिक प्रबंधन निजी संविदाकार द्वारा किया जाता है।
  • इसमें सौर ऊर्जा प्रणाली, ऊर्जा-कुशल लाइटिंग और विकलांग यात्रियों के लिये बाधा-मुक्त सुविधाएँ शामिल हैं।
  • यह स्टेशन भोपाल की एक प्रमुख पारगमन केंद्र के रूप में भूमिका को सुदृढ़ करता है और इसे राष्ट्रीय स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत भविष्य के स्टेशन पुनर्विकास के लिये एक मॉडल माना जाता है।

भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (IRSDC)

  • यह रेल मंत्रालय की एक विशेष प्रयोजन इकाई (SPV) है, जिसे नए स्टेशनों के निर्माण और कार्यरत रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिये बनाया गया है।
  • यह भारतीय रेलवे निर्माण कंपनी लिमिटेड (IRCON) और रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। 
  • IRSDC को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत 12 अप्रैल, 2012 को स्थापित किया गया था।
  • इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशनों का निर्माण करना है, जो अत्याधुनिक तथा सतत् प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं। 
  • पुनर्विकास कार्य को PPP मॉडल (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) के तहत संचालित किया जाता है।
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