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उत्तराखंड

हेमकुंड साहिब रोपवे

  • 01 Feb 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि हेमकुंड साहिब तक रोपवे का भू सर्वेक्षण कार्य पूरा होने के साथ ही रोपवे की डिजाइन का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा वर्तमान में बेहद कठिन और तकलीफदेय है, क्योंकि तीर्थयात्री गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किमी. की पैदल दूरी तयकर पहुँचते हैं। ऐसे में रोपवे के निर्माण से हेमकुंड साहिब तक की यात्रा अत्यधिक सुगम हो जाएगी।
  • इसी संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा हेमकुंड साहिब तक की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से 764 करोड़ रुपए की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.6 किमी. तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा।
  • हेमकुंड साहिब रोपवे के निर्माण से फूलों की घाटी तक पहुँच भी आसान हो जाएगी, क्योंकि हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी तक जाने के लिये गोविंदघाट से घांघरिया (13 किमी.) तक एक ही ट्रैक है। घांघरिया से एक रास्ता हेमकुंड साहिब और दूसरा रास्ता फूलों की घाटी के लिये निकलता है।
  • उल्लेखनीय है कि हेमकुंट साहिब चमोली जिला, उत्तराखंड में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहाँ गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब सुशोभित है। इस स्थान का उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में आता है।
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