उत्तर प्रदेश
हरित नगर निगम बांड
- 30 Apr 2025
- 4 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत देश के पहले प्रमाणित ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड के जरिये स्थायी जल प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाई है।
मुख्य बिंदु
- ग्रीन बॉण्ड के बारे में:
- ग्रीन बॉण्ड ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है, यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है।
- बॉण्ड जो कि आय का एक निश्चित साधन होता है, एक निवेशक द्वारा उधारकर्त्ता (आमतौर पर कॉर्पोरेट या सरकारी) को दिये गए ऋण का प्रतिनिधित्व करता है।
- पारंपरिक बॉण्ड (ग्रीन बॉण्ड के अलावा अन्य बॉण्ड) द्वारा निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर (कूपन) का भुगतान किया जाता है।
- ग्रीन बॉण्ड जारीकर्त्ता की प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं, क्योंकि यह सतत् विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने में सहायक है।
- ग्रीन बॉण्ड ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है, यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है।
- गाज़ियाबाद नगर निगम की भूमिका:
- गाज़ियाबाद नगर निगम द्वारा बॉण्ड के ज़रिये 150 करोड़ रुपए की राशि एकत्र की गई, जिसे अत्याधुनिक तृतीयक मल-जल शोधन संयंत्र (TSTP) के निर्माण में निवेश किया गया है। यह संयंत्र अपशिष्ट जल को उन्नत तकनीकों से उपचारित कर औद्योगिक उपयोग के लिये पुनः प्रयोग योग्य बनाता है।
- परियोजना सार्वजनिक-निजी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (PPP-HAM) मॉडल पर आधारित है, जिसमें 40% निवेश गाज़ियाबाद नगर निगम द्वारा किया गया।
- इस ग्रीन बॉण्ड की सफलता ने निवेशकों का विश्वास बढाया है और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में वित्तीय अनुशासन का उदाहरण पेश किया है।
- गाजियाबाद को वाटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वाटर अवार्ड्स 2024-25 में सर्वश्रेष्ठ म्यूनिसिपल ट्रीटेड वाटर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी:
- परिचय:
- शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, स्वच्छता और उचित अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य पूरे भारत के शहरों और कस्बों को स्वच्छ एवं खुले में शौच से मुक्त बनाना है।
- स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 1.0:
- SBM-U का पहला चरण शौचालयों तक पहुँच प्रदान करके और व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देकर शहरी भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने पर केंद्रित था।
- SBM-U 1.0 अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा और 100% शहरी भारत को ODF घोषित किया गया।
- स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (2021-2026):
- वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित SBM-U 2.0, इसी योजना के पहले चरण की निरंतरता है।
- इसके दूसरे चरण का लक्ष्य ODF के लक्ष्यों के साथ ही ODF+ और ODF++ के लक्ष्य की ओर अग्रसर होना है तथा शहरी भारत को कचरा-मुक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करना है।
- इसमें स्थायी स्वच्छता प्रथाओं, अपशिष्ट प्रबंधन और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया है।