राजस्थान
राजस्थान में स्वर्ण भंडार की खोज
- 29 Oct 2025
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चर्चा में क्यों?
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा ज़िले में नवीन स्वर्ण भंडार की खोज की गई है।
मुख्य बिंदु
- स्वर्ण भंडार के बारे में:
- घाटोल तहसील के कांकरियागढ़ा ब्लॉक में नवीनतम खोज में अनुमानित 1.20 टन स्वर्ण, साथ ही ताँबा, निकल और कोबाल्ट के अंश भी शामिल हैं ।
- यह इस क्षेत्र में स्वर्ण की लगातार तीसरी खोज है, जिससे कर्नाटक के बाद बांसवाड़ा के प्रमुख स्वर्ण खनन केंद्र बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
- सरकार ने खनिज सामग्री, गुणवत्ता, मात्रा और गहराई की पुष्टि के लिये G-2 स्तर की विस्तृत जाँच को स्वीकृत दे दी है, जिसके आधार पर खनन निविदाएँ जारी की जाएंगी तथा वाणिज्यिक निष्कर्षण शुरू किया जाएगा।
- संबद्ध खनिज:
- स्वर्ण के साथ-साथ, इस क्षेत्र में ताँबा (लगभग 1,000 टन), निकल और कोबाल्ट के भंडार भी हैं, जो बैटरी तथा नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों के लिये रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं।
- भूवैज्ञानिक संदर्भ:
- बांसवाड़ा अरावली पर्वतमाला के साथ स्थित है, जहाँ की चट्टानों की आयु अनुमानित रूप से 5,000 वर्ष से अधिक है।
- समय के साथ भूवैज्ञानिक गतिविधियों ने खनिज-समृद्ध चट्टानों को पृथ्वी की सतह के निकट ला दिया है, जिससे इस क्षेत्र में स्वर्ण, ताँबा, निकल, कोबाल्ट और अन्य खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
- आर्थिक संभावना:
- निष्कर्षण शुरू हो जाने के बाद, राजस्थान के कर्नाटक के बाद स्वर्ण का निष्कर्षण करने वाला दूसरा राज्य बनने की संभावना है, जो संभवतः भारत के कुल स्वर्ण उत्पादन में 25% से अधिक का योगदान देगा।
- इस विकास से स्थानीय रोज़गार में वृद्धि, नई अवसंरचना का निर्माण और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ होने की संभावना है।
- पूर्व की खोजें:
- इससे पहले, GSI ने घाटोल तहसील के भुकिया और जगपुरा क्षेत्रों में 11.48 करोड़ टन स्वर्ण अयस्क की पहचान की थी। इन स्थलों में 13,739 टन कोबाल्ट तथा 11,146 टन निकल भी पाए गए थे।