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बिहार

श्रम 20 शिखर सम्मेलन

  • 26 Jun 2023
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

  • 21-23 जून, 2023 तक श्रम 20 (Labour-20) शिखर सम्मेलन का आयोजन बिहार की राजधानी पटना में किया गया। इसमें ‘सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा’तथा ‘महिलाएँ और फ्यूचर ऑफ वर्क’जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा की गई।  

प्रमुख बिंदु  

  • पटना में आयोजित श्रम 20 शिखर सम्मेलन में सामाजिक सुरक्षा लाभों को आसानी से पहुँचाने की क्षमता पर जी 20 सदस्य देशों और अन्य संबद्ध देशों के बीच एक बहुपक्षीय तंत्र बनाने का संकल्प लिया गया।  
  • इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या ने कहा कि शिखर सम्मेलन में ‘श्रमिकों के अंतर्राष्ट्रीय प्रवास- सामाजिक सुरक्षा निधियों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आसानी से पहुँच’के बारे में कार्य बल की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। 
  • विदित है कि अमृतसर में 18, 19 और 20, मार्च 2023 को आयोजित श्रम 20 की स्थापना बैठक में काम की दुनिया में ज्वलंत मुद्दों से संबंधित 5 टास्क फोर्स का गठन किया गया था - सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, महिला और कार्य का भविष्य, श्रमिकों का अंतर्राष्ट्रीय प्रवास-सामाजिक सुरक्षा निधियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाने का अधिकार, कार्य की बदलती दुनिया: जी 20 देशों में रोज़गार के नए अवसर और चुनौतियाँ और  कौशल विकास: हितधारकों की भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ। 
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के व्यापक उपयोग पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें श्रम उत्पादकता में वृद्धि, आय वृद्धि और बेहतर जीवन स्तर जैसे इसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया।  
  • टिकाऊ और न्यायसंगत बदलावों के साथ तकनीकी नवाचार को सुसंगत बनाना एल 20, पटना के ड्राफ्ट नंबर 1 का प्रमुख पहलू है, जिसका पूरी तरह से अध्ययन करना और उसे नीतिगत ढाँचे से जोड़ने की आवश्यकता है।  
  • सम्मेलन में कहा गया कि एक त्रिपक्षीय बोर्ड की स्थापना, जिसमें सरकार, एग्रीगेटर कंपनियों और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हैं, प्रभावी निर्णय ले सकते हैं और नीति निर्माण की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि सभी हितधारकों के नज़रिये और हितों पर विचार किया जाए, जिससे अधिक संतुलित और समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा मिले। 
  • शिखर सम्मेलन में ‘महिलाएँ और कार्य का भविष्य’विषय पर कार्य बल की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा हुई। कार्य बल ने निजी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनकी नेतृत्वकारी भूमिकाओं को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करने और एक सहायक वातावरण बनाने का प्रस्ताव रखा।  
  • सम्मेलन में टास्क फोर्स ने सिफारिश की कि वैश्विक कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा तक पहुँचने में महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, अनौपचारिक क्षेत्र के 61 प्रतिशत श्रमिकों के पास इस तरह की कवरेज का अभाव है। इस मुद्दे को हल करने के लिये, सामाजिक सुरक्षा के तीसरे मॉडल की कल्पना करना महत्त्वपूर्ण है, जो अंशदायी और गैर-अंशदायी दोनों प्रणालियों के सिद्धांतों को जोड़ता है।  
  • कार्य बल ने सिफारिश की कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैश्विक कौशल अंतर को दूर करने के लिये हरित कौशल को शामिल किया जाना चाहिये। यह सुनिश्चित करने के लिये कि एक देश में अर्जित कौशल को दूसरे देश में मान्यता प्राप्त हो, एक सामान्य योग्यता ढाँचे की आवश्यकता है।  
  • शिखर सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श में ट्रेड यूनियन नेताओं और भारतीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ 28 देशों के श्रम विशेषज्ञों ने भाग लिया। शिखर सम्मेलन में श्रम-संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जो सिविल 20, महिला 20, यूथ 20 और साइंस 20 की बैठकों में उभरे।  
  • शिखर सम्मेलन में बिजनेस 20 के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में श्रम 20 और बिजनेस 20 के बीच एक संयुक्त वक्तव्य की व्यवहार्यता पर चर्चा की गई।  
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