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उत्तराखंड

देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड भंग

  • 01 Dec 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् अधिनियम को निरस्त कर देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड को भंग करने का निर्णय इससे संबंधित गठित उच्च स्तरीय समिति व मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा 29 नवंबर, 2021 को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र में इस अधिनियम को वापस लिया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि 27 नवंबर, 2019 को तत्कालीन सरकार के कैबिनेट ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक को मंज़ूरी दी थी और 5 दिसंबर, 2019 को इस विधेयक को विधानसभा में पास किया था तथा 13 जनवरी, 2020 को राज्यपाल द्वारा अनुमति दी गई और 15 जनवरी, 2020 को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की।
  • देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के अंतर्गत चारधाम- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री तथा इनसे संबद्ध मंदिरों सहित कुल 51 मंदिर लाए गए। इस बोर्ड का कार्य इन मंदिरों की देख-रेख, आय-व्यय सृजन और विभिन्न कार्यों का प्रबंधन करने के साथ अन्य सुविधाएँ प्रदान करना था।
  • इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा उपाध्यक्ष धर्मस्थ व संस्कृति मंत्री बनाए गए थे। वहीं गढ़वाल में मंडलायुक्त रविनाथ रमन को बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया था।
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