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मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

  • 14 Dec 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

12 दिसंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के महाविद्यालयों को ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में उन्नयन किये जाने के संबंध में निर्णय लेने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी/चिह्नित महाविद्यालयों को ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में उन्नयन किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया।
  • वर्तमान में प्रदेश में कुल 570 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। प्रदेश के ज़िला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी/चिह्नित महाविद्यालयों में सभी संकायों में सुविधाओं में वृद्धि करते हुए महाविद्यालयों को ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में उन्नयन किया जाएगा।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय/निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री/अंकसूची को डिजीलॉकर में अपलोड किये जाने का निर्णय लिया गया।
    • उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत 16 शासकीय एवं 53 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं। अभी तक कुल 09 शासकीय विश्वविद्यालयों एवं 5 निजी विश्वविद्यालयों के वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक के छात्रों की अधिकांश डिग्री/अंकसूची डिजीलॉकर में दर्ज की जा चुकी है।
    • मंत्रि-परिषद द्वारा 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्य प्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
  • प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की फेसलेश व्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे ‘साइबर तहसील’ नाम दिया गया है।
    • इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वत: ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है।
    • वर्तमान में यह व्यवस्था प्रदेश के 12 ज़िलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हज़ार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
    • मंत्रि-परिषद द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण दर 3 हज़ार रुपए प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हज़ार रुपए प्रति बोरा करने का निर्णय लिया गया। इससे 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 162 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा।
  • उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर वर्ष 2017 में 1250 रुपए प्रति बोरा थी, जिसे वर्ष 2023 में बढ़ाकर 3 हज़ार रुपए प्रति बोरा कर दिया गया था।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदंड से अधिक बजाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा गंभीर अपराधों एवं आदतन अपराधियों की पूर्व अपराधों में प्राप्त जमानत सीआरपीसी की धारा 437, 438, 439 के प्रावधान अनुसार माननीय न्यायालय से निरस्त करवाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लाईसेंस के खुले में अवैध रूप से माँस-मछली आदि का क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया।

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