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हरियाणा

मुख्यमंत्री ने ‘प्राणवायु देवता पेंशन योजना’की शुरुआत की

  • 30 Oct 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

26 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘प्राणवायु देवता पेंशन योजना’ के तहत 3,810 वृक्षों को पेंशन देने की विधिवत शुरुआत की। योजना के तहत इन सभी वृक्षों को सालाना 2750 रुपए पेंशन दी जाएगी।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रदेश सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री ने आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान प्राणवायु देवता पेंशन योजना का शुभारंभ किया।  
  • उल्लेखनीय है कि हरियाणा इस तरह की योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसका उद्देश्य 75 वर्ष से अधिक पुराने स्वस्थ वृक्षों का संरक्षण है। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी के घर के आंगन में 75 वर्ष या उससे अधिक पुराना पेड़ है तो वह अपने संबंधित ज़िले के वन विभाग के कार्यालय में जाकर पेंशन के लिये आवेदन कर सकता है। आवेदन का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाएगा और सभी शर्तों के सत्यापन के बाद लाभार्थी को पेंशन दी जाएगी। 
  • राज्य में ज़िलास्तरीय संरक्षण समितियों द्वारा इस योजना के तहत 75 वर्ष अथवा अधिक उम्र के 3,810 पात्र वृक्षों की पहचान की गई। इन प्राणवायु देवता वृक्षों की वार्षिक पेंशन राशि 2750 रुपए है। इस राशि को वृक्ष के परिरक्षक के खाते में वृक्ष के रखरखाव और देखभाल के लिये जमा किया जाएगा। इस पेंशन राशि में वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अनुरूप वार्षिक वृद्धि भी की जाएगी।  
  • चयनित प्राणवायु देवता वृक्षों में लगभग 40 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें पीपल, बरगद, नीम, आम, जाल, गूलर, कृष्ण कदंब, पिलखन आदि प्रमुख हैं। ये सभी वृक्ष भारतीय हैं और इनका अत्यधिक पारिस्थितिकी महत्त्व है।  
  • ये पुराने वृक्ष विभिन्न भूमि पर खड़े हैं, जैसे कि निजी, पंचायती, संस्थागत और सरकारी संपत्ति पर। वन भूमि पर खड़े वृक्षों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।

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