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उत्तर प्रदेश

काकोरी ट्रेन कार्रवाई की शताब्दी

  • 12 Aug 2025
  • 19 min read

चर्चा में क्यों?

सौ वर्ष पहले, 9 अगस्त, 1925 को, राम प्रसाद बिस्मिल और सचींद्रनाथ बक्शी सहित दस युवा क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश रेलवे खजाने पर एक साहसिक लूट को अंजाम दिया, जिसे काकोरी ट्रेन एक्शन के नाम से जाना जाता है।

  • काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रांतिकारियों को सम्मानित करने के लिये उत्तर प्रदेश ने काकोरी-मलिहाबाद क्षेत्र के अपने प्रसिद्ध दशहरी आमों को नए नाम ‘काकोरी ब्रांड’ के तहत पुनः ब्रांड किया है।

मुख्य बिंदु 

काकोरी कांड के बारे में:

  • घटना: 
    • यह घटना शाहजहाँपुर से लखनऊ जाने वाली नंबर 8 डाउन पैसेंजर ट्रेन की लूट से संबंधित थी। 
    • ट्रेन में ब्रिटिश सरकार की आधिकारिक नकदी (रेलवे संग्रह) ले जाई जा रही थी, जिसका उपयोग ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन को कमज़ोर करने हेतु क्रांतिकारी गतिविधियों में किया जाना था।
  • प्रमुख व्यक्ति: 
    • राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्लाह खाँ, चंद्रशेखर आज़ाद, मन्मथनाथ गुप्ता और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, सभी हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के प्रमुख सदस्य थे।
    • इस घटना में 17 लोगों को जेल हुई, 4 को आजीवन कारावास और 4 ( राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन सिंह तथा राजेंद्र लाहिड़ी) को फाँसी दी गई।
  • स्वतंत्रता संग्राम पर प्रभाव: 
    • काकोरी ट्रेन एक्शन ने HRA को आवश्यक आर्थिक मज़बूती प्रदान की, जिससे इसका विस्तार हुआ और बाद में यह चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) में परिवर्तित हो गया।

हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA)

  • HRA की स्थापना अक्तूबर, 1924 में कानपुर में राम प्रसाद बिस्मिल, जोगेश चंद्र चटर्जी और सचिन सान्याल द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य औपनिवेशिक सरकार को उखाड़ फेंकने के लिये एक सशस्त्र क्रांति का आयोजन करना था तथा इसके स्थान पर संयुक्त राज्य भारत के संघीय गणराज्य की स्थापना करना था, जिसका मूल तत्त्व वयस्क मताधिकार था।

हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA)

  • काकोरी घटना की प्रतिकूलता को पार करने के लिये, समाजवादी विचारों से प्रेरित युवा क्रांतिकारियों ने सितंबर 1928 में दिल्ली स्थित फिरोज़शाह कोटला के खंडहरों में आयोजित एक ऐतिहासिक बैठक में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के पुनर्गठन का संकल्प लिया।
  • चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में HRA का नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) कर दिया गया। 
  • प्रतिभागियों में पंजाब से भगत सिंह, सुखदेव थापर, भगवती चरण वोहरा और संयुक्त प्रांत से बिजॉय कुमार सिन्हा, शिव वर्मा तथा जयदेव कपूर शामिल थे। 
  • HSRA ने सामूहिक नेतृत्व के तहत काम करने का निर्णय लिया और समाजवाद को अपना आधिकारिक लक्ष्य बनाया।
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