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छत्तीसगढ़

‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति

  • 31 Dec 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु

  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति-पत्र के साथ दे सकते हैं।
  • गौरतलब है कि इस योजना में कृषकों की निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हज़ार एकड़ के मान से पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरि, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा।
  • समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएँ, निजी ट्रस्ट, गैर-शासकीय संस्थाएँ, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक, जो अपनी भूमि में रोपण करना चाहते हैं, इस योजना के हितग्राही होंगे।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।
  • इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है। सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिये सुनिश्चित बाज़ार उपलब्ध होगा तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।
  • राज्य में इस योजना के अंतर्गत कुल पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ में रोपित 15 करोड़ पौधे परिपक्व होने के पश्चात् हितग्राहियों को लगभग 5000 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की संभावना है।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के क्रियान्वयन से प्रति वर्ष लगभग 30 हज़ार किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हज़ार रुपये तक आय की प्राप्ति होगी।
  • योजना के क्रियान्वयन से वाणिज्यिक वृक्षारोपण के रकबे में वृद्धि से काष्ठ आधारित उद्योगों, जैसे- पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिये कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नए उद्योगों की स्थापना से स्थानीय निवासियों के रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा विभिन्न करों के माध्यम से शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।
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