इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तराखंड

बुलेट रिकवरी बॉक्स

  • 11 Oct 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में देहरादून में संपन्न हुए ऑल इंडिया पुलिस साइंस कॉन्ग्रेस में मोहाली की एक कंपनी ने बैलेस्टिक जाँच के लिये तैयार ‘बुलेट रिकवरी बॉक्स’नाम के उपकरण को लॉन्च किया, जिससे महज 30 सेकंड में ही पता चल जाएगा कि गोली किस हथियार से चली है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि गोली चलने की घटनाओं के बाद पुलिस मौके से खाली खोखे और हथियार (बंदूक, पिस्तौल, तमंचा आदि) बरामद करती है। इसके बाद इस बात की जाँच की जाती है कि गोली इस संबंधित हथियार से ही चली है या फिर किसी और हथियार से।
  • कई बार मौके से हथियार बरामद न होने की सूरत में दूसरे संदिग्ध हथियारों को भी अपराधियों की निशानदेही पर बरामद किया जाता है। इनकी भी जाँच की जाती है। इस उपकरण की मदद से बैलेस्टिक जाँच के परिणामों में अब लंबा समय नहीं लगेगा।
  • फॉरेंसिक लैब में होने वाली जाँच को बैलेस्टिक जाँच कहते हैं। हथियारों के बैरल (नली) में एक विशेष निशान (विज्ञान की भाषा में ‘सिग्नेचर’) होता है, जो हरेक हथियार में अलग होता है। जब गोली चलती है तो यह निशान गोली पर आ जाता है। इसी निशान को खोजने के लिये फिर से फॉरेंसिक लैब में संबंधित हथियार से फायर किया जाता है।
  • इसके बाद देखा जाता है कि क्या ये वही निशान हैं, जो घटनास्थल पर मिली गोली पर हैं। हत्या के मामले में शरीर से गोली निकालकर भी इसे फॉरेंसिक लैब में भेजा जाता है। इससे पुष्टि हो जाती है कि गोली इस हथियार से चली या किसी और से।
  • अभी तक यह टेस्ट रुई से भरे बॉक्स में फायर कर किये जाते हैं। इसमें गोली ढूंढने में ही घंटों का वक्त लग जाता है। यही नहीं, रुई के रेशों के कारण गोली पर निशान भी ठीक से नहीं आ पाते। ऐसे में सटीक परिणामों के लिये बार-बार फायर किये जाते हैं।
  • नया बुलेट रिकवरी बॉक्स पानी से भरा होगा। इसमें गोली के वेग को कम करने के लिये विशेष उपकरण भी लगे हुए हैं। इससे महज 30 सेकंड में ही गोली खुद ब खुद बाहर आ जाएगी और सटीक परिणाम मिल जाएंगे।
  • इस उपकरण को प्रायोरिटी सोल्यूशन मोहाली ने विकसित किया है। प्रायोरिटी सोल्यूशन के एमडी गुरुसेवक सिंह ने बताया कि अभी तक पूरे देश में फॉरेंसिक साइंस लैब में रुई आधारित बुलेट रिकवरी बॉक्स का ही इस्तेमाल किया जाता है। पानी से भरे इस उपकरण को बनाने वाली भारत की यह अकेली कंपनी है। कई देशों में इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन उनकी कंपनी का यह बॉक्स उनसे भी एडवांस है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2