इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


बिहार

बिहार की कोसी-मेची लिंक परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ

  • 26 Dec 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार की अति महत्त्वाकांक्षी कोसी-मेची लिंक परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस परियोजना का डीपीआर बनाने के लिये जल संसाधन विभाग और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन विभाग की नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • कोसी-मेची लिंक परियोजना के पूरा होने पर राज्य के सीमांचल के चार ज़िलों में करीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा और बाढ़ से राहत मिलेगी। इनमें पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया ज़िला शामिल हैं।
  • इस परियोजना से अररिया ज़िले में करीब 69 हज़ार हेक्टेयर, पूर्णिया ज़िले में करीब 69 हज़ार हेक्टेयर, किशनगंज ज़िले में 39 हज़ार हेक्टेयर और कटिहार ज़िले में 35 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई होगी।
  • कोसी-मेची लिंक परियोजना से अररिया ज़िले के अंतर्गत फारबिसगंज, कुर्साकाटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट एवं अररिया प्रखंड को लाभ होगा। वहीं, किशनगंज ज़िले के अंतर्गत टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज एवं कोचाधामन प्रखंड को लाभ होगा।
  • इसके अलावा पूर्णिया ज़िले के अंतर्गत बैसा, अमौर एवं बायसी प्रखंड तथा कटिहार ज़िले के अंतर्गत कदवा, डंडखोड़ा, प्राणपुर, मनिहारी एवं अमदाबाद प्रखंड लाभान्वित होंगे।
  • विदित है कि कोसी-मेची लिंक परियोजना का काम शुरू करने के लिये पहले ही राज्य कैबिनेट से मंज़ूरी मिल चुकी है। मई 2022 में ही राज्य सरकार ने डीपीआर गठन, सर्वेक्षण और अन्वेषण कार्य के लिये करीब दो करोड़ 78 लाख रुपए की प्रशासनिक और खर्च की स्वीकृति दे दी थी।
  • राज्य सरकार द्वारा 90 फीसदी केंद्रांश की हो रही मांग तथा केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करते हुए, इसके लिये केंद्रांश 60 फीसदी और राज्यांश 40 फीसदी के रूप में बजटीय प्रावधान की मंज़ूरी दी गई है।
  • हालांकि, राज्य सरकार की ओर से कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिये भी मध्य प्रदेश की केन-बेतवा लिंक परियोजना की तर्ज़ पर केंद्रांश 90 फीसदी और राज्यांश 10 फीसदी बजटीय प्रावधान की मांग जारी है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत कुल लगभग 1397 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से 632 हेक्टेयर भूमि पूर्व से अधिगृहीत है, जबकि 765 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2