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बिहार

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM)

  • 14 Jun 2025
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

बिहार, स्कैन-एंड-शेयर QR कोड सुविधा का उपयोग करके 92% ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण दर हासिल करके आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है।

  • वर्ष 2021 से ABDM के तहत हुए 11.38 करोड़ ओपीडी पंजीकरण में से अकेले बिहार में 2.94 करोड़ पंजीकरण किये गये हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश (2.25 करोड़) और आंध्र प्रदेश (1.70 करोड़) का स्थान है।

मुख्य बिंदु

  • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के बारे में:
    • लॉन्च: इसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था।
    • उद्देश्य: एक मज़बूत डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, जो स्वास्थ्य डाटा के सुरक्षित, कुशल तथा समावेशी आदान-प्रदान को सुनिश्चित करता है, साथ ही देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, समानता तथा समग्र गुणवत्ता में सुधार करता है।
    • बजट आवंटन: इसे 2021-22 से 2025-26 तक 1,600 करोड़ रुपए के पाँच वर्षीय परिव्यय के साथ लॉन्च किया गया था।
  • ABDM के प्रमुख घटक:
    • ABHA नंबर (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता)
      • ABHA ऐप उपयोगकर्त्ताओं को ABHA पता बनाने, अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को लिंक करने तथा व्यक्तिगत स्वास्थ्य डाटा साझा करने के लिये सहमति को नियंत्रित करने की अनुमति देता है।
    • ABHA मोबाइल ऐप (व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड – PHR):
      • यह ABHA पते बनाने और स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने की सुविधा प्रदान करता है।
      • यह उपयोगकर्त्ताओं को डाटा साझा करने के लिये अपनी सहमति प्रबंधित करने की अनुमति देता है।
    • हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR):
      • यह सत्यापित स्वास्थ्य पेशेवरों का एक राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
      • इससे योग्य सेवा प्रदाताओं तक आसान पहुँच संभव हो जाती है।
    • स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (HFR):
      • यह सार्वजनिक तथा निजी स्वास्थ्य सुविधाओं का एक व्यापक डाटाबेस है।
      • यह सेवा समन्वय तथा प्रणाली एकीकरण में सुधार करता है।
  • डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लाभ:
    • मरीज़ों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संगृहीत किया जाता है, जिससे भौतिक दस्तावेज़ों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और कागज़ी कार्यवाही कम हो जाती है।
    • नुस्खों, नैदानिक परिणामों तथा उपचार के इतिहास तक वास्तविक समय पर पहुँच, रोगी की सहमति से भविष्य की यात्राओं के दौरान अस्पताल की प्रक्रियाओं में तेज़ी तथा देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करती है।

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