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हरियाणा

‘एटम ऑन व्हील अभियान’ की शुरुआत

  • 06 Oct 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

5 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के फतेहाबाद ज़िले के गाँव गोरखपुर स्थित गोरखपुर हरियाणा अणु परियोजना संयंत्र से कॉरपोरेशन के परियोजना निदेशक आरएस बरवाल ने न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित ग्रामीण एकीकरण कार्यक्रम के तहत एटम ऑन व्हील अभियान की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि आम जनता में परमाणु ऊर्जा को लेकर अलग-अलग तरह की भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। इन्हीं भ्रांतियों को दूर करने के लिये यह राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया है।
  • एटम ऑन व्हील अभियान का मुख्य उद्देश्य परमाणु ऊर्जा को लेकर आम जन की भ्रांतियाँ दूर करना है। इसके लिये एटम ऑन व्हील नाम से बस तैयार की गई है, जिसमें परमाणु ऊर्जा के उत्पादन से लेकर उसके फायदे बताने के लिये प्रदर्शनी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी बस गाँव-गाँव में जाएगी। बस में तीन से चार सदस्यीय टीम रहेगी, जो ग्रामीणों के सवालों का जवाब भी देगी।
  • एटम ऑन व्हील अभियान हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व आंध्र प्रदेश में चलाया जाएगा। हर राज्य में चार महीने तक अभियान चलेगा, जिसमें हर महीने 60 से 70 गाँवों को कवर किया जाएगा।
  • सबसे पहले फतेहाबाद ज़िले के 240 गाँवों में चार महीनों तक यह बस लोगों को परमाणु ऊर्जा के विषय में जागरूक करेगी। बस हर गाँव के पंचायत भवन, स्कूलों, चिकित्सा केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों के बाहर खड़ी की जाएगी। हरियाणा के बाद बस को राजस्थान में भेजा जाएगा।
  • कॉरपोरेशन की ओर से तैयार करवाई गई वातानुकूलित बस में परमाणु ऊर्जा के उत्पादन, खपत, विशेषता, देश में चल रहे संयंत्रों और परमाणु ऊर्जा के उपयोग, प्रभाव और सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को एग्जिबिट्स और पैनल के जरिये दर्शाया गया है।
  • इसके अलावा बस के बाहर की तरफ एलईडी और प्रोजेक्टर्स लगाए गए हैं, जिनमें काफी रोचक जानकारियाँ दिखेंगी।
  • कॉरपोरेशन अधिकारियों के मुताबिक फतेहाबाद ज़िले के गाँव गोरखपुर स्थित संयंत्र में पहले चरण में 700-700 मेगावाट की दो यूनिट का निर्माण चल रहा है। पहली यूनिट का काम साल 2028 तक पूरा होगा।
  • गौरतलब है कि साल 2014 में गाँव गोरखपुर में अणु परियोजना के संयंत्र का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था।
  • पूरी तरह स्वदेशी तकनीकी के इस संयंत्र में कुल 2800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। यहाँ 700-700 मेगावाट की चार यूनिट बनेंगी। सारा कार्य साल 2036 तक पूरा होगा। इस संयंत्र निर्माण पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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