हरियाणा
अर्जन सिंह मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट 2025
- 08 May 2025
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
भारतीय वायु सेना ने चंडीगढ़ के रघबीर सिंह भोला हॉकी स्टेडियम में 29 अप्रैल से 06 मई 2025 तक मार्शल ऑफ द एयर फोर्स अर्जन सिंह मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट के छठे संस्करण का आयोजन किया।
प्रमुख बिंदु
- टूर्नामेंट का विवरण:
- इस टूर्नामेंट में वायु सेना हॉकी टीमों और दो अन्य देशों की टीमों सहित बारह टीमों ने भाग लिया।
- यह टूर्नामेंट वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह DFC (विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस) के स्मरण में आयोजित किया जाता है जो भारतीय वायुसेना के इतिहास में प्रमुख व्यक्तित्व थे।
- हॉकी के प्रति अर्जन सिंह का अतुलनीय जुनून तथा सैन्य एवं खेल दोनों क्षेत्रों में प्रेरणादायक नेतृत्व, प्रेरक रहा है।
- अंतिम खेल:
- फाइनल मैच भारतीय रेलवे और रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला के बीच हुआ।
- भारतीय रेलवे ने 2 गोल की बराबरी के बाद टाई-ब्रेकर में 3-1 से जीत हासिल की।
- पुरस्कार:
- इस क्रम में एक भव्य पुरस्कार समारोह के दौरान पदक, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार प्रदान किये गए।
- विजेताओं को 3,00,000/- रुपए मिले
- उपविजेताओं को 2,00,000/- रुपए मिले
- प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों को भी उनके योगदान के लिये सम्मानित किया गया।
- इस क्रम में एक भव्य पुरस्कार समारोह के दौरान पदक, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार प्रदान किये गए।
वायुसेना मार्शल अर्जन सिंह
- उनका जन्म वर्ष 1919 में लायलपुर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्हें वर्ष 1939 में रॉयल इंडियन एयर फोर्स में शामिल किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा अभियान में उनकी भूमिका के लिये उन्हें विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस (DFC) से सम्मानित किया गया था।
- वह वर्ष 1964 में 44 वर्ष की आयु में वायु सेना प्रमुख बने।
- वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान, उनके निर्णायक नेतृत्व से भारतीय वायुसेना ने अखनूर में पाकिस्तान के आक्रमण को अप्रभावी बनाया, जिसके लिये उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2002 में वह वायुसेना के मार्शल की फाइव स्टार रैंक से सम्मानित होने वाले एकमात्र भारतीय वायुसेना अधिकारी बने।
- सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने दिल्ली के राजदूत और उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया।
भारतीय वायु सेना
- पृष्ठभूमि:
- भारतीय वायु सेना की स्थापना वर्ष 1932 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के खिलाफ युद्ध में यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स की सहायता हेतु की गई थी।
- जापानी सेना को भारत में आगे बढ़ने से रोकने के लिये भारतीय वायुसेना का उपयोग बर्मा में जापानी ठिकानों को निशाना बनाने के लिये किया गया।
- वर्ष 1945 में किंग जॉर्ज VI ने IAF की उपलब्धियों के सम्मान में इसको "रॉयल" टाइटल प्रदान किया। वर्ष 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद, इस मानद टाइटल को समाप्त कर दिया गया।
- देश की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में इसका नाम भारतीय वायु सेना के रूप में विकसित हुआ।
- भारतीय वायु सेना की स्थापना वर्ष 1932 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के खिलाफ युद्ध में यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स की सहायता हेतु की गई थी।
- परिचय:
- भारत के राष्ट्रपति सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर होते हैं।
- विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना, भारतीय वायु सेना है।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य: गौरव के साथ आकाश को छूना।
- यह भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है।
- वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल, वायु सेना की परिचालन कमान के लिये उत्तरदायी होता है।