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उत्तराखंड

झीलों की नगरी नैनीताल का 182वां जन्मदिवस

  • 20 Nov 2023
  • 9 min read

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2023 को उत्तराखंड की पर्यटन नगरी एवं झीलों की नगरी नैनीताल का 182वां जन्मदिवस मनाया गया।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि 18 नवंबर, 1841 को नैनीताल पहुंचे अंग्रेज व्यापारी पी बैरन ने यहाँ की सौंदर्य से प्रभावित होकर इसे दुनिया की नजरों में लाया। अंग्रेज व्यापारी के आगमन की तारीख को ही नैनीताल के जन्मदिन के रूप में याद किया जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि 1842 में चौथे कुमाऊं कमिश्नर जार्ज थॉमस लुसिंगटन ने आधिकारिक रूप से नैनीताल को यूरोपियन सेटेलमेंट के तहत बसाया था। इसके बाद अंग्रेजों ने इसे छोटी विलायत का दर्जा देते हुए ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया।
  • पर्यटन नगरी नैनीताल प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द्र का भी संदेश देती है। नैनीताल के नैनी झील के उत्तरी किनारे पर 51 शक्तिपीठों में से एक मां नयना देवी मंदिर स्थित है। साथ ही यहाँ गुरुद्वारा, एशिया का पहला मेथोडिस्ट चर्च और जामा मस्जिद भी स्थित है।
  • अनियंत्रित और अनियोजित विकास के कारण नैनीताल की खूबसूरती और पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते कंक्रीट के जंगल पर रोक लगाने, यातायात के दबाव को कम करने, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने और प्रकृति से छेड़छाड़ पर रोक लगाने के लिये कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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