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प्रारंभिक परीक्षा

सैगेटेरियस A* : आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल

  • 13 May 2022
  • 6 min read

हाल ही में इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप (Event Horizon Telescope- EHT) की सहायता से वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा (मिल्की वे) के केंद्र में सैगेटेरियस A* (Sagittarius A*) नामक ब्लैक होल की पहली छवि की पुष्टि की है। 

  • लगभग सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में ये विशालकाय ब्लैक होल विद्यमान होते हैं, जहाँ प्रकाश और पदार्थ बच नहीं सकते हैं, जिससे उनकी छवियों को प्राप्त करना बेहद कठिन हो जाता है।
  • शोधकर्त्ताओं ने ब्लैक होल को "हमारी आकाशगंगा के केंद्र में द जेंटल जाइंट इन द सेंटर ऑफ आवर गैलक्सी" (The Gentle Giant In The Centre Of Our Galaxy) कहा है।

प्रमुख बिंदु:  

प्राप्त ब्लैक होल छवि के बारे में:

  • ब्लैक होल की इस छवि को सैगेटेरियस A* (A- ऐस्टरिस्क) के रूप में संदर्भित किया गया है, जिसने इस विचार को और मज़बूती प्रदान की है कि हमारी आकाशगंगा के केंद्र में सघन वस्तु वास्तव में एक ब्लैक होल है। 
    • यह धनु और वृश्चिक राशि के नक्षत्रों की सीमा के निकट है। यह हमारे सूर्य से 4 मिलियन गुना अधिक विशाल है।
  • यह आइंस्टीन के सापेक्षता के इस सामान्य सिद्धांत को मज़बूत करता है कि अंतरिक्ष में एक बिंदु पर जहाँ पदार्थ इतना संकुचित होता है कि एक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का निर्माण हो जाता है, उससे प्रकाश भी नहीं बच सकता।
  • शोधकर्ताओं ने कहा कि आकाशगंगा के केंद्र में स्थित ब्लैक होल सैगेटेरियस A* की छवि को प्राप्त करना M87 की छवि को प्राप्त करने से कहीं अधिक कठिन था।
    • 2019 में इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप ने ब्लैक होल मेसियर 87 (M87) की पहली छवि जारी करके इतिहास रच दिया, यह आकाशगंगा M87 के केंद्र में एक ब्लैक होल है, जो एक सुपरजाइंट अंडाकार आकार की आकाशगंगा है।

 ब्लैक होल:

  • इस अवधारणा का सिद्धांत वर्ष 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया था और 'ब्लैक होल' शब्द जॉन आर्चीबाल्ड व्हीलर द्वारा दिया गया था।
  • आमतौर पर ब्लैक होल दो श्रेणियों के होते हैं:
    • एक श्रेणी तारकीय ब्लैक होल की है जो कुछ सौर द्रव्यमानों से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि बड़े तारों की मृत्यु से ब्लैक होल बनते हैं।
    • दूसरी श्रेणी सुपरमैसिव ब्लैक होल की है। ये सौरमंडल के सूर्य की संख्या की तुलना में हज़ारों गुना संख्या में हैं। ऐसा माना जाता है कि जब दो या दो से अधिक ब्लैक होल आपस में मिल जाते हैं तो इनका निर्माण होता है।
  • अप्रैल 2019 में इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल (अधिक सटीक रूप से इसकी छाया की) की पहली छवि जारी की।
  • गुरुत्वाकर्षण तरंगें (GW) तब बनती हैं जब दो ब्लैक होल एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं और विलीन हो जाते हैं।

आकाशगंगा: 

  • यह गैस, धूल और अरबों सितारों का एक विशाल संग्रह होता है जिसमे सभी तत्त्व गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ जुड़े होते है। 
  • पृथ्वी मिल्की वे गैलेक्सी का हिस्सा है, जिसके बीच में एक सुपर मैसिव ब्लैक होल भी है।

इवेंट होराइज़न:

  • यह ब्लैक होल से परे अंतरिक्ष का एक क्षेत्र है जिसे इवेंट होराइज़न कहा जाता है। यह एक "बिना वापसी का बिंदु" है, जिसके आगे ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से बचना असंभव है।

इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप परियोजना (EHT): 

  • EHT दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्थित 8 रेडियो दूरबीनों (अंतरिक्ष से रेडियो तरंगों का पता लगाने के लिये प्रयुक्त) का एक समूह है। 

विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न: हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाश-वर्ष दूर विशालकाय ‘ब्लैक होल्स के विलय का प्रेक्षण किया। इस प्रेक्षण का क्या महत्त्व है?

(a) हिग्स बोसॉन कणों का अभिज्ञान हुआ।
(b) गुरुत्वीय तरंगों का अभिज्ञान हुआ।
(c) ‘वॉर्महोल’से होते हुए अंतरा-मंदाकिनीय अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि हुई।
(d) इसने वैज्ञानिकों को ‘विलक्षणता (सिंगुलैरिटि)’ को समझना सुकर बनाया।

उत्तर: B

स्रोत: द हिंदू

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