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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स : 26 मार्च, 2021

  • 26 Mar 2021
  • 11 min read

सुंदरबन

Sunderbans

हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सुंदरबन के विकास से संबंधित वादे किये जा रहे हैं।

  • सुंदरबन क्षेत्र वर्ष 2020 में चक्रवात अम्फान (Cyclone Amphan)  द्वारा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।

प्रमुख बिंदु

  • यह गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के डेल्टा (दुनिया की सबसे बड़ी) पर भारत और बांग्लादेश में फैले बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्र में एक विशाल वन पारिस्थितिकी तंत्र है।
    • इसमें दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है।
  • अधिकांश क्षेत्र को लंबे समय से आरक्षित वन (Forest Reseve) का दर्जा प्राप्त है, लेकिन इसे वर्ष 1973 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया।
  • वर्ष 1984 में स्थापित सुंदरबन नेशनल पार्क (Sundarbans National Park), बाघ अभयारण्य के भीतर का कोर क्षेत्र है, जिसे वर्ष 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
  • यूनेस्को द्वारा वर्ष 2001 में सुंदरबन को बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित किया गया।
  • भारत के सुंदरबन वेटलैंड को जनवरी 2019 में रामसर कन्वेंशन के तहत 'अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि' (Wetland of International Importance) के रूप में मान्यता दी गई थी।
  • सुंदरबन नेशनल पार्क में 260 पक्षियों की प्रजातियों सहित जीवों की एक विस्तृत शृंखला पाई जाती है। यह पार्क कई दुर्लभ और विश्व स्तर पर संकटग्रस्त वन्यजीव प्रजातियों जैसे कि खारे पानी का मगरमच्छ (एस्टुराइन क्रोकोडाइल), रॉयल बंगाल टाइगर, वॉटर मॉनीटर छिपकली, गंगा डॉल्फिन तथा ओलिव रिडले कछुओं का घर है।
  • सुंदरबन डेल्टा (Sunderbans Delta) विश्व का एकमात्र ऐसा मैंग्रोव जंगल है जहाँ बाघों का निवास है।
    • इसके संरक्षण के लिये डिस्कवरी इंडिया (Discovery India)  और वर्ल्ड वाइड फंड (World Wide Fund- WWF) भारत ने वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल सरकार तथा सुंदरवन के स्थानीय समुदायों के साथ भागीदारी की।

The-Sundarbans

मैंग्रोव

  • मैंग्रोव (Mangrove) विश्व के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लवण-सहिष्णु पादप समुदायों का एक विविध समूह है।
  • मैंग्रोव वन कई पारिस्थितिक कार्य करते हैं जैसे कि लकड़ी का उत्पादन, मछली प्रजनन क्षेत्र, पक्षियों और अन्य प्रमुख जीवों के लिये आवास, तटीय क्षेत्रों को चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा आदि।
  • राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में पश्चिम बंगाल में मैंग्रोव आवरण का उच्चतम प्रतिशत क्षेत्र मौजूद है, जबकि उसके बाद गुजरात और अंडमान निकोबार द्वीप समूह का स्थान है।
  • भारत वन स्थिति रिपोर्ट (India State of Forest Report-ISFR) देश में मैंग्रोव वन और उनकी स्थितियों के विषय में डेटा प्रदान करती है।

शिगमोत्सव: गोवा

Shigmotsav: Goa 

हाल ही में गोवा सरकार ने राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण शिगमोत्सव अथवा शिगमो (Shigmotsav or Shigmo) उत्सव के परेड को केवल तीन स्थानों (पणजी, पोंडा और मापुसा) तक सीमित कर दिया है।

प्रमुख बिंदु

शिगमोत्सव के विषय में:

  • यह गोवा के आदिवासी समुदायों द्वारा धान की समृद्ध और सुनहरी फसल के लिये मनाए जाने वाला उत्सव है।
  • कुनबी, गावड़ा और वेलिप सहित विभिन्न कृषि समुदाय इस त्योहार को मनाते हैं जो वसंत की शुरुआत का भी प्रतीक है।

महोत्सव के दो प्रकार:

  • धाक्टो शिग्मो (Dhakto Shigmo- छोटा शिग्मो): यह ग्रामीण आबादी, किसानों और मज़दूर वर्ग द्वारा मनाया जाता है।
  • वदल्लो शिग्मो (Vhadlo Shigmo- बड़ा शिगमो): इसका महत्त्व अधिक है जो सभी द्वारा मनाया जाता है।

उत्सव:

  • समय:
    • शिग्मो उत्सव हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन-चैत्र महीनों में एक पखवाड़े से अधिक समय तक मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल मार्च-अप्रैल में पड़ता है।
  • देवताओं का आह्वान:
    • यह उत्सव ‘नमन’ (Naman) गीत से शुरू होता है, जो स्थानीय देवताओं का आह्वान करने के लिये है ‘मांड’ (Maand) नामक मंच पर ढोल, मढ़ले और ताशे जैसे वाद्य यंत्रों को बजाकर गाया जाता है।
      • इसे 'रोम्टा मेल' (Romta Mell) नृत्य कहा जाता है जो गाँव-गाँव घूम कर किया जाता है।
  • नृत्य:
    • इस उत्सव में घोड़े मोदिनी (Ghode Modni- घुड़सवार योद्धाओं का नृत्य), गोप और फुगड़ी जैसे लोक नृत्य किये जाते हैं।
  • शिगमो स्ट्रीट परेड:
    • इस महोत्सव का प्रमुख आकर्षण केंद्र फ्लोट (float) शिगमो स्ट्रीट परेड (Shigmo Street Parade) होती है। इसे राज्य की राजधानी पणजी और मापुसा, वास्को तथा पोंडा जैसे अन्य प्रमुख शहरों में एक वार्षिक रूप में आयोजित किया जाता है।
    • यह परेड आमतौर पर मराठा युद्ध की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाने के लिये पारंपरिक लोक नृत्यों का प्रदर्शन करते हुए की जाती है।
    • वर्षों से चली आ रही फ्लोट परेड घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही प्रकार के पर्यटकों को आकर्षित करती है।

अन्य नाम:

  • शिगमो को पूरे भारत में विभिन्न नामों से मनाया जाता है:
    • उत्तर भारत- होली।
    • असम और बंगाल-दोलयात्रा।
    • दक्षिण भारत- कामदहन।
    • महाराष्ट्र- शिमगा।

स्वेज़ नहर

Suez Canal

हाल ही में स्वेज़ नहर (Suez Canal) के दक्षिणी छोर के पास खराब मौसम के कारण हुई दुर्घटना की वजह से ‘एवर गिवेन' (Ever Given) नामक एक बड़ा मालवाहक जहाज़ फँस गया।

  • इसकी वजह से इस नहर के दोनों छोरों पर जहाज़ों का जमावड़ा लग गया।

प्रमुख बिंदु

स्वेज़ नहर के विषय में:

  • स्वेज़ नहर एक कृत्रिम समुद्र-स्तरीय जलमार्ग (Waterway) है जो उत्तर से दक्षिण की ओर बहते हुए भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) को लाल सागर (Red Sea) से जोड़ता है।
  • यह नहर अफ्रीका को एशिया महाद्वीप से अलग करती है।
  • यह एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री मार्ग प्रदान करती है।
  • यह विश्व की सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली शिपिंग लेन में से एक है, जिसमें विश्व के कुल व्यापार का 12% से अधिक का व्यापार होता है।
    • यह पूर्व से पश्चिम की ओर जाने वाले तेल, प्राकृतिक गैस आदि मालवाहकों को एक महत्त्वपूर्ण मार्ग प्रदान करती है।
    • स्वेज नहर प्राधिकरण (Suez Canal Authority) के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में लगभग 19,000 जहाज़ों या प्रतिदिन औसतन 51.5 जहाज़ों पर लगभग 1.17 बिलियन टन माल इस नहर के माध्यम से ले जाया गया।
  • यह नहर मिस्र की अर्थव्यवस्था के लिये एक प्रमुख आय का स्रोत है, इस अफ्रीकी देश ने पिछले साल इस नहर से 5.61 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व प्राप्त किया था।
    • मिस्र ने वर्ष 2015 में स्वेज़ नहर का विस्तार करने वाली योजना की घोषणा की, इसका उद्देश्य मालवाहक जहाज़ों के प्रतीक्षा समय को कम करना और वर्ष 2023 तक नहर का उपयोग करने वाले जहाज़ों की संख्या को दोगुना करना है।

इतिहास:

  • स्वेज़ नहर ऐसी पहली नहर है जो भूमध्य सागर को सीधे लाल सागर से जोड़ती है। इसे नवंबर 1869 में नौपरिवहन के लिये खोला गया था।
  • 150 साल पुरानी इस नहर को शुरुआती वर्षों में ब्रिटिश और फ्राँसीसियों द्वारा नियंत्रित किया गया था, लेकिन वर्ष 1956 में मिस्र द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
    • मध्य-पूर्व में अंतर्राष्ट्रीय स्वेज़ संकट जुलाई 1956 में सामने आया, जब मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासिर (Gamal Abdel Nasser) ने स्वेज़ नहर का राष्ट्रीयकरण किया। इस नहर का स्वामित्व स्वेज़ नहर कंपनी (Suez Canal Company) के पास था, जो फ्राँसीसी और ब्रिटिश हितों द्वारा नियंत्रित थी।
  • इस नहर को पाँच बार बंद किया गया था, जबकि अंतिम बार तो यह 8 साल तक बंद थी। अंततः इसे जून 1975 में नौपरिवहन के लिये फिर से खोल दिया गया।

Suez-Canal

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