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धार्मिक तीर्थयात्राओं पर भारत-पाकिस्तान संयुक्त प्रोटोकॉल, 1974

  • 29 Jan 2022
  • 3 min read

हाल ही में विदेश मंत्रालय (MEA) ने घोषणा की है कि भारत धार्मिक तीर्थयात्रा पर वर्ष 1974 के संयुक्त प्रोटोकॉल के उन्नयन पर पाकिस्तान के साथ बातचीत में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और संलग्न होने के लिये तैयार है।

  • यह हवाई यात्रा की अनुमति देगा और साथ ही दोनों देशों के तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि कर सकता है।
  • भारत सरकार करीब 20 महीने बाद पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Gurudwara Corridor) को फिर से खोलने पर विचार कर रही है ताकि सिख तीर्थयात्रियों को वहाँ से गुज़रने की अनुमति मिल सके। इसे कोविड -19 महामारी के कारण बंद कर दिया गया था।
  • इससे पहले भारत तथा पाकिस्तान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया था।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • प्रोटोकॉल के तहत दोनों देश ऐसे तीर्थस्थलों की यात्रा की सुविधा हेतु निम्नलिखित सिद्धांतों पर सहमत हुए हैं:
      • धर्म या संप्रदाय के आधार पर भेदभाव के बिना एक देश से दूसरे देश में तीर्थ यात्रा की अनुमति दी जाएगी। जल्द ही पत्राचार के माध्यम से दर्शन किये जाने वाले तीर्थस्थलों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
        • सहमत सूची को समय-समय पर आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है।
        • प्रोटोकॉल में वर्तमान में भारतीय पक्ष में पाँच मुस्लिम तीर्थस्थल और पाकिस्तानी पक्ष में 15 तीर्थस्थल शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश गुरुद्वारे हैं।
      • प्रतिवर्ष एक देश से दूसरे देश में 20 दलों को यात्रा की अनुमति दी जा सकती है। इस संख्या को समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है।
      • यह सुनिश्चित करने के लिये हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिये कि सहमत सूची में उल्लिखित धार्मिक पूजा स्थलों का उचित रखरखाव हो और उनकी पवित्रता बनी रहे।
      • ऐसे आगंतुकों/विज़िटर्स को विज़िटर कैटेगरी (Visitor Category) का वीजा दिया जाएगा।
  • करतारपुर कॉरिडोर:
    • करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के नारोवाल ज़िले में दरबार साहिब गुरुद्वारा को भारत के पंजाब प्रांत के गुरदासपुर ज़िले में डेरा बाबा नानक साहिब से जोड़ता है।.
    • यह कॉरिडोर 12 नवंबर, 2019 को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती समारोह के अवसर पर बनाया गया था।

स्रोत: द हिंदू

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