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07 Jul 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 2
राजव्यवस्था
दिवस 19: आयुष्मान भारत योजना सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। भारत की वृद्ध होती आबादी के संदर्भ में सुगम्यता, सामर्थ्य और संवहनीयता पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस योजना को वरिष्ठ नागरिकों तक विस्तारित करने के निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- AB-PMJAY का परिचय देते हुए इसके हालिया विस्तार का संक्षेप में उल्लेख कीजिये।
- चर्चा कीजिये कि यह विस्तार वृद्ध होती जनसंख्या की स्वास्थ्य सेवा की सुगम्यता, सामर्थ्य और संवहनीयता को किस प्रकार प्रभावित करता है।
- तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) का हालिया विस्तार, जिसमें 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को, आय की परवाह किये बिना शामिल किया गया है, भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति का संकेत है। यह पहल लगभग 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को लाभान्वित करेगी और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) को सुदृढ़ करेगी।
मुख्य भाग:
सुगम्यता
- ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को, जो वर्तमान में किसी भी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत शामिल नहीं हैं, अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत प्रति वर्ष ₹5 लाख तक की पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रदान की जाएगी।
- जो वरिष्ठ नागरिक पहले से निजी स्वास्थ्य बीमा या कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIS) के तहत कवर होते हैं, वे भी इस योजना के पात्र होंगे, जिससे सार्वभौमिक समावेशन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
- केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS), भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ECHS) तथा आयुष्मान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) जैसी सार्वजनिक योजनाओं के लाभार्थी अपनी वर्तमान योजना और AB PM-JAY में से किसी एक का चयन कर सकते हैं। यह प्रावधान सुवाह्यता (portability) और समुत्थानशीलता (flexibility) को प्रोत्साहित करता है।
सामर्थ्य
- यह योजना उन परिवारों के वरिष्ठ नागरिकों को ₹5 लाख का टॉप-अप प्रदान करती है, जो पहले से ही AB PM-JAY के अंतर्गत पंजीकृत हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें युवा सदस्यों के साथ कवरेज साझा करने की आवश्यकता नहीं है।
- यह पहल भारत में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (Out-of-Pocket Expenditure - OOPE) पर निर्भरता को कम करती है।
- यह विशेष रूप से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों के लिए लाभदायक है , जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की अधिक आवश्यकता होती है।
संवहनीयता
- योजना को मार्च 2026 के बाद भी जारी रखने के लिये, नियमानुसार तृतीय पक्ष मूल्यांकन आवश्यक हैं, जो पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ करेंगे।
- बुज़ुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPHCE) तथा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के साथ एकीकरण से ओवरलैप को रोका जा सकता है और संसाधनों के समुचित आवंटन को सुनिश्चित किया जा सकता है।
- विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में न्यायसंगत क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ करना अत्यंत आवश्यक है।
निष्कर्ष:
70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों तक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का विस्तार एक गरिमापूर्ण, समावेशी और संवहनीय स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इसकी दीर्घकालिक सफलता वित्तीय अनुशासन, डेटा के एकीकरण तथा अवसंरचना सुदृढ़ीकरण पर निर्भर करती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के वरिष्ठ नागरिकों को वह स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो जो वे वास्तव में प्राप्त करने के अधिकारी हैं।