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युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय

  • 27 Oct 2025
  • 12 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय की पहली गैलरी के वर्ष 2026 के अंत तक खुलने की संभावना है। यह संग्रहालय वर्तमान राष्ट्रीय संग्रहालय का स्थान लेते हुए विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय बनने जा रहा है।

युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय

  • परिचय: यह संग्रहालय संस्कृति मंत्रालय द्वारा सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार डिजिटलीकरण और भारत की सांस्कृतिक मैपिंग जैसी पहलों को पूरक रूप में सशक्त करेगा।
    • यह संग्रहालय सेंट्रल विस्टा के नॉर्थ और साउथ ब्लॉक भवनों में स्थित होगा।
    • इसकी थीम भारतीय सभ्यता के 5,000 वर्षों की निरंतर यात्रा पर आधारित है, जो भारत की सनातन और शाश्वत प्रकृति को दर्शाता है।
  • वास्तुकला और डिज़ाइन: डिज़ाइन परामर्श के लिये आर्कॉप एसोसिएट्स को चुना गया है, जिसके प्रमुख वास्तुकार कुलपत यंत्रसत (Kulapat Yantrasast) हैं।
  • विरासत संग्रह: संग्रहालय में पूरे देश की विभिन्न गैलरियों से दुर्लभ वस्तुएँ प्रदर्शित की जाएंगी, साथ ही वर्तमान राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्रह को भी शामिल किया जाएगा। उदाहरण के लिये–
    • कालीबंगन (2500–1700 ई.पू.) से प्राप्त सिंधु घाटी सभ्यता का टेराकोटा आवरग्लास,
    • गुप्त कालीन मूर्तियाँ (5वीं शताब्दी),
    • चोल कालीन कांस्य प्रतिमाएँ (10वीं–11वीं शताब्दी)।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत और फ्राँस मिलकर युगे युगेन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय का विकास कर रहे हैं, जिसमें संग्रहालय डिज़ाइन एवं प्रबंधन के क्षेत्र में फ्राँस की विशेषज्ञता का उपयोग किया जा रहा है।
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