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WHO द्वारा CoViNet का शुभारंभ

  • 29 Mar 2024
  • 6 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक नई पहल, कोरोना वायरस नेटवर्क (CoViNet) का शुभारंभ किया जिसका उद्देश्य कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक अनुवीक्षण और प्रतिक्रिया क्षमताओं में वृद्धि करना है।

कोरोनावायरस नेटवर्क (CoViNet) क्या है?

  • परिचय:
    • CoViNet को विभिन्न कोरोना वायरस का शीघ्र पता लगाने, निगरानी और मूल्यांकन के लिये वैश्विक विशेषज्ञता तथा क्षमताओं को सुविधाजनक बनाने एवं समन्वयित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • SARS-CoV-2 पर ध्यान केंद्रित करने के अतिरिक्त CoViNet प्रयोगशाला क्षमता और निगरानी बढ़ाने पर विशेष ज़ोर देने के साथ मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम कोरोनावायरस (MERS-CoV) सहित अन्य कोरोना वायरस प्रभेदों का भी आकलन करेगा।
      • MERS-CoV एक ज़ूनोटिक वायरस (पशुओं और लोगों के बीच संचरित) है। मध्य पूर्व, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कई देशों में ड्रोमेडरी ऊँटों में इसकी पहचान की गई है तथा इसे मानव संक्रमण से जोड़ा गया है।
    • CoViNet का शुभारंभ WHO कोविड-19 संदर्भ प्रयोगशाला नेटवर्क द्वारा रखी गई नींव पर आधारित है जिसे शुरुआत में जनवरी 2020 में महामारी के शुरुआती चरणों के दौरान स्थापित किया गया था।
  • CoViNet का महत्त्व:
    • नेटवर्क की स्थापना कोरोनोवायरस से जुड़े लगातार महामारी और सर्वव्यापी महामारी जोखिमों तथा सक्रिय निगरानी एवं प्रतिक्रिया उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
  • CoViNet की मुख्य विशेषताएँ:
  • CoViNet के परिणाम:
    • CoViNet के प्रयास WHO की नीतियों को सूचित करने और विशेष रूप से वायरल विकास तथा वैक्सीन संरचना पर तकनीकी सलाहकार समूहों के माध्यम से, निर्णय लेने में सहायता करने के लिये महत्त्वपूर्ण डेटा प्रदान करेंगे।

WHO से संबंधित पहल

  • कोविड-19 टूल्स (ACT) एक्सेलेरेटर तक पहुँच
    • एक्सेस टू COVID-19 टूल्स (ACT) एक्सेलेरेटर वर्ष 2020 में WHO और भागीदारों द्वारा शुरू किया गया एक वैश्विक सहयोग है।
    • इसका उद्देश्य विकास, उत्पादन और COVID-19 परीक्षणों, उपचारों तथा टीकों तक समान पहुँच में तेज़ी लाना है।
      • पहल को चार स्तंभों में व्यवस्थित किया गया है: निदान, उपचार, टीके और स्वास्थ्य प्रणाली एवं प्रतिक्रिया कनेक्टर, प्रत्येक समग्र प्रयास के लिये महत्त्वपूर्ण है। 
  •  महामारी संधि का शून्य-मसौदा

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं? (2019)

  1. कुछ व्यक्तियों में आनुवंशिक पूर्ववृत्ति (जेनेटिक प्रीडिस्पोज़ीशन) का होना
  2. रोगों के उपचार के लिये प्रतिजैविकों (ऐंटिबॉयोटिक्स) की गलत खुराकें लेना
  3. पशुधन फार्मिंग में प्रतिजैविकों का इस्तेमाल करना
  4. कुछ व्यक्तियों में चिरकालिक रोगों की बहुलता होना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) 1, 3 और 4 
(d) 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


मेन्स: 

Q. कोविड-19 महामारी ने भारत में वर्ग असमानताओं एवं गरीबी को गति दे दी है। टिप्पणी कीजिये। (2020)

Q. भारत में 'सभी के लिये स्वास्थ्य' को प्राप्त करने के लिये समुचित स्थानीय सामुदायिक स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल का मध्यक्षेप एक पूर्वापेक्षा है। व्याख्या कीजिये। (2018)

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