रैपिड फायर
संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस 2025
- 13 May 2025
- 3 min read
स्रोत: पी.आई.बी
संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस (अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस) मई 2025 में हो ची मिन्ह सिटी वियतनाम में 85 देशों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित किया गया था, जिसका विषय था "मानवीय सम्मान के लिये एकजुटता और सहिष्णुता: विश्व शांति एवं सतत् विकास के लिये बौद्ध ज्ञान।"
- एक अन्य घटनाक्रम में, भारत ने सफलतापूर्वक हस्तक्षेप करके सोथबीज हॉन्गकॉन्ग नीलामी घर द्वारा पिपराहवा बौद्ध अवशेषों की नीलामी को रोक दिया।
संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस
- वेसाक दिवस, बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र दिन है जो मई माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है, जो दोनों एक ही दिन हुए थे।
- वर्ष 1999 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त वेसाक को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और पूरे विश्व में बौद्ध संगठनों द्वारा मनाया जाता रहा है, जिसका पहला आधिकारिक आयोजन वर्ष 2000 में न्यूयॉर्क में हुआ था।
- यह शांति, करुणा और नैतिक जीवन को बढ़ावा देने में बौद्ध दर्शन के वैश्विक महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
पिपराहवा बौद्ध अवशेष
- कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश) के निकट पिपरहवा स्तूप में वर्ष 1898 में खुदाई में मिले अवशेष मूल रूप से शाक्य वंश के बुद्ध के परिजनों द्वारा संग्रहित किये गए थे।
- इनमें हड्डियों के टुकड़े, स्टियाटाइट (साबुन पत्थर) और क्रिस्टल की मंजूषाएँ, बलुआ पत्थर का एक पात्र तथा चढ़ावे (सोना एवं रत्न) शामिल हैं, जिन्हें एक प्रमुख ब्राह्मी अभिलेख के माध्यम से बुद्ध से संबंधित माना गया है।
- वर्ष 1899 में, अधिकांश अवशेषों को भारतीय संग्रहालय, कोलकाता में स्थानांतरित कर दिया गया तथा उन्हें पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 और भारतीय निखात निधि अधिनियम, 1878 के तहत संरक्षित कर दिया गया, जिससे उनकी बिक्री या निर्यात पर रोक लग गई।
- कुछ अवशेष ब्रिटिशों द्वारा सियाम (थाईलैंड) के राजा को उपहार में दिये गए थे।
और पढ़ें: वेसाक समारोह, भारत में बौद्ध धर्म