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स्वर्ण जयंती फैलोशिप

  • 09 Nov 2021
  • 3 min read

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने स्वर्ण जयंती फैलोशिप के लिये 17 वैज्ञानिकों का चयन किया है।

  • इन वैज्ञानिकों को अभिनव अनुसंधान, विचारों और विभिन्न विषयों में अनुसंधान एवं विकास पर प्रभाव पैदा करने की क्षमता के लिये सम्मानित किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत की स्वतंत्रता के 50वें वर्ष (1997) के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा स्वर्ण जयंती फैलोशिप योजना की स्थापना की गई थी।
  • यह एक प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड वाले चयनित युवा वैज्ञानिकों को विशेष सहायता प्रदान करता है ताकि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में बुनियादी अनुसंधान को आगे बढ़ा सकें।
  • इस पुरस्कार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा 5 साल की अवधि के लिये 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष के अनुसंधान अनुदान के साथ मूल संस्थान से प्राप्त वेतन के अलावा 25000 रुपए प्रतिमाह की फैलोशिप शामिल है।
    • फेलोशिप के अलावा उपकरण, कंप्यूटेशनल सुविधाओं, उपभोग्य सामग्रियों (consumables), आकस्मिकताओं, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा तथा अन्य विशेष आवश्यकताओं, यदि कोई हो, के लिये अनुदान योग्यता के आधार पर कवर किया जाता है।
    • यह फैलोशिप  चयनात्मक रूप से संस्थान-विशिष्ट के बजाय वैज्ञानिक विशिष्ट है और अकादमिक की निगरानी में है।
  • पुरस्कार के लिये चुने गए वैज्ञानिकों को अनुसंधान योजना में अनुमोदित व्यय के संदर्भ में स्वतंत्रता और लचीलेपन के साथ स्वतंत्र अनुसंधान करने की अनुमति है।
    • परियोजना में नवीन अनुसंधान विचार शामिल होने चाहिये और इनमें अनुसंधान एवं विकास पर प्रभाव डालने की क्षमता होनी चाहिये।
  • चयनित अध्येताओं द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) के मानदंडों के आधार पर वित्तपोषण प्रदान किया जाता है।
    • SERB विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक वैधानिक निकाय है, जिसे वर्ष 2009 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था।
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