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स्पॉट बेलीड ईगल आउल

  • 19 Jan 2023
  • 3 min read

हाल ही में स्पॉट बेलीड ईगल आउल (बुबो निपलेंसिस) को शेषाचलम वन में पहली बार तथा आंध्र प्रदेश में तीसरी बार देखा गया।

Spot-Bellied-Eagle-Owl

स्पॉट बेलीड ईगल आउल: 

  • परिचय:  
    • स्पॉट बेलीड ईगल आउल जिसे फाॅरेस्ट ईगल-आउल के रूप में भी जाना जाता है, एक बड़ी आउल (उल्लू) प्रजाति है जो आमतौर पर जंगलों और चट्टानी पहाड़ियों जैसे क्षेत्रों में पाई जाती है तथा अपने पेट पर विशिष्ट धब्बों (Spots) के लिये जानी जाती है।
      • स्पॉट-बेलीड ईगल-आउल बड़े, शक्तिशाली और निर्भीक शिकारी पक्षी हैं।
    • यह चिड़िया इंसानों जैसी अजीब-सी आवाज़ निकालती है, इसलिये इसे भारत में 'जंगल का भूत' कहा जाता है
  • वितरण:  
    • स्पॉट-बेलीड ईगल-आउल प्रजातियाँ भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्याँमार, चीन, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में पाई जाती हैं
  • शिकार:  
    • ये बड़े पक्षियों एवं सुनहरे सियार, खरगोश, सिवेट और शेवरोटाइन जैसे स्तनधारियों का शिकार करने के लिये जानी जाती हैं। 
  • IUCN और CITES स्थिति:  

नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व: 

  • नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व को आधिकारिक तौर पर 1978 में घोषित किया गया था और 1983 में प्रोजेक्ट टाइगर द्वारा मान्यता दी गई है। 
  • नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है। 
  • वर्ष 1992 में इसका नाम बदलकर राजीव गांधी वन्यजीव अभयारण्य कर दिया गया था।
  • यह टाइगर रिज़र्व आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 5 ज़िलों में विस्तृत है। इस क्षेत्र में ज़्यादातर नल्लामाला पहाड़ियाँ हैं।
  • बहुउद्देशीय जलाशय- श्रीशैलम और नागार्जुनसागर इसी रिज़र्व में अवस्थित हैं।
  • कृष्णा नदी इस रिज़र्व के बेसिन को विभाजित करती है।

स्रोत: द हिंदू

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