रैपिड फायर
इलायची में घोंघा संक्रमण
- 14 Jun 2025
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स्रोत: द हिंदू
केरल के इडुक्की के इलायची उत्पादक क्षेत्रों में (समर रेन) गर्मी के मौसम के दौरान भारी बारिश के बाद छोटे घोंघों के हमले का खतरा उत्पन्न हो गया है। ये घोंघे नई मंजरी, फूलों और कोमल फलियों को खाते हैं, जिससे फसल को नुकसान, उपज में कमी और गुणवत्ता में गिरावट होती है।
- किसान घोंघे के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिये (अंतिम उपाय के रूप में) मेटलडिहाइड जैसे रासायनिक स्प्रे का उपयोग कर रहे हैं।
इलायची (एलेटेरिया इलायची ):
- परिचय: इसे "मसालों की रानी" के रूप में जाना जाता है, यह जिंजिबेरेसी (अदरक) परिवार का एक अत्यधिक सुगंधित मसाला है।
- यह पश्चिमी घाट के सदाबहार वर्षावनों में प्रमुख रूप से पाई जाती है।
- जलवायु परिस्थितियाँ: इसके लिये 1500-4000 मिमी वर्षा, 10°C से 35°C के बीच तापमान और 600-1500 मीटर की ऊँचाई तथा अम्लीय, दोमट, ह्यूमस युक्त मिट्टी की आवश्यकता होती है जिसका pH मान 5.0-6.5 हो।
- उत्पादन के प्रमुख केंद्र: केरल भारत के इलायची उत्पादन में 58% का योगदान देता है, जिसमें इडुक्की अग्रणी ज़िला है।
- कर्नाटक में इसे कोडगु और चिकमंगलूर जैसे ज़िलों में उगाया जाता है।
- तमिलनाडु में इसकी खेती नीलगिरी पहाड़ियों में की जाती है।
- हाल ही में पहचानी गई इलायची प्रजातियों में एलेटेरिया फेसिफेरा (पेरियार टाइगर रिज़र्व, इडुक्की) और एलेटेरिया ट्यूलिपिफेरा (अगस्त्यमलाई पहाड़ियाँ, तिरुवनंतपुरम और मुन्नार, इडुक्की) शामिल हैं।
भारत में मसाला बाज़ार: भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में 11.14 मिलियन टन मसालों का उत्पादन किया, जिसमें 109 ISO-सूचीबद्ध मसालों में से 75 की खेती की गई।
- मिर्च, जीरा, हल्दी, अदरक और धनिया का कुल उत्पादन में 76% हिस्सा था।
- प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
- वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत ने लगभग 14 लाख टन मसालों का निर्यात किया, जिसमें चीन, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया और अमेरिका जैसे प्रमुख बाज़ारों में मिर्च का सबसे अधिक निर्यात (31%) रहा।
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