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शिरुई लिली महोत्सव

  • 22 May 2025
  • 2 min read

स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस

जातीय संघर्ष के कारण दो वर्षों के विराम के बाद, मणिपुर का शिरुई लिली महोत्सव वर्ष 2025 (20 मई से 24 मई 2025) में पुनः आयोजित हो रहा है, जो सांस्कृतिक पुनरुद्धार और राज्य में समुदायों के बीच आवागमन व शांति बहाल करने के प्रयास का प्रतीक है।

  • शिरुई लिली: शिरुई लिली (Lilium mackliniae) मणिपुर का राजकीय पुष्प है, यह गुलाबी-सफेद रंग का एक दुर्लभ फूल है जो केवल उखरूल ज़िले के शिरुई पहाड़ियों में पाया जाता है।
    • इसकी खोज वर्ष 1946 में डॉ. फ्रैंक किंगडन वार्ड ने की थी और इसका नाम उनकी पत्नी जीन मैकलिन के नाम पर रखा गया था। इस फूल को वर्ष 1948 में रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी का मेरिट अवार्ड मिला था।
    • यह अप्रैल से जून तक खिलता है, लगभग एक फुट लंबा होता है और इसका फूल घंटी के आकार का होता है।
    • शिरुई लिली एक संकटग्रस्त प्रजाति है, जिसकी संख्या में गिरावट का कारण जलवायु परिवर्तन, आवास की हानि और जंगली बौने बाँस जैसी आक्रामक प्रजातियाँ हैं।
  • शिरुई लिली महोत्सव: वर्ष 2017 में पहली बार आयोजित यह महोत्सव मणिपुर के दो प्रमुख पर्यटन आयोजनों में से एक है (दूसरा संगाई महोत्सव है)।
    • शिरुई लिली महोत्सव पारिस्थितिकी पर्यटन, तांगखुल नागा संस्कृति और संरक्षण का उत्सव है। इसमें संगीत समारोह, सांस्कृतिक प्रदर्शन और अन्य सामुदायिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

और पढ़ें: मणिपुर में हिंसा

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